संदीप मिश्र
बरेली। रोडवेज की अधिकतर बसें जर्जर हालत में है। कई बसों से फर्स्ट एड बॉक्स भी गायब है। वही बसों में अंदर से सीटें भी फटी हुई हैं। अधिकारियों के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। इससे कभी भी अपातकाल में रोडवेज की बसों में सफर कर रहे यात्रियों की जान मुसीबत में पड़ सकती है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है। रोडवेज बसों में यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा के नाम पर सभी प्रकार के मानकों की अनदेखी की जा रही है। अधिकतर बसों से अग्निशमन यंत्र के साथ फर्स्ट एड बॉक्स भी नदारद हैं। यात्रियों को सुविधा के नाम पर केवल बैठने के लिए फटी-टूटी सीटें मिलती हैं। जबकि नियमानुसार प्रत्येक बस में आपात स्थित से निपटने के लिए अग्निशमन यंत्र, यात्री को अचानक फर्स्ट एड बॉक्स इत्यादि की सुविधाएं मुहैया करवाना जरूरी है।
आधे से अधिक बसों में अग्निशमन यंत्र पूरी तरह से गायब है या उनकी तारीख एक्सपायर हो चुकी है, जिसके चलते आपात स्थिति में उनका प्रयोग किया जाना संभव नहीं है। कुछ नई बसों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर बसों की सीटें काफी जर्जर हो चुकी हैं। वही जर्जर हो चुकी खिड़कियों, हिलते शीशे को भी ठीक करने का प्रयास भी नहीं किया गया है। इस बारे में एआरएम आरके त्रिपाठी ने बताया कि अधिकतर बसें सही हालत में सड़क पर दौड़ रही हैं, अगर कुछ बसों में दिक्कत है तो उन्हें सही कराया जाएगा।
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