अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रविवार को फिर वृद्धि हुई। इससे देशभर में वाहन ईंधन के दाम नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। हालांकि, शीर्ष सरकारी अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने उपभोक्ताओं को राहत के लिए कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का पूरा बोझ उनपर नहीं डाला है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल और गैस के दाम तीन साल के उच्चस्तर पर पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि भारत में ब्रिटेन जैसी स्थिति नहीं बनने दी गई है जहां पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कमी की वजह से लंबी कतारें लगी हैं। पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, रविवार को लगातार तीसरे दिन पेट्रोल का दाम 25 पैसे लीटर और बढ़ाया गया है। वहीं डीजल कीमतों में 30 पैसे प्रति लीटर की और वृद्धि हुई है। इससे दिल्ली में पेट्रोल 102.39 रुपये प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है। मुंबई में यह 108.43 रुपये प्रति लीटर है। दिल्ली में डीजल भी 90.77 रुपये प्रति लीटर की नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। मुंबई में डीजल 98.48 रुपये प्रति लीटर है। स्थानीय करों की वजह से विभिन्न राज्यों में वाहन ईंधन कीमतों में भिन्नता होती है। पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने कहा कि पेट्रोलियम कंपनियां लागत के साथ खुदरा दरों के तालमेल के लिए खुद निर्णय ले रही हैं। लेकिन साथ ही वे सुनिश्चित कर रही हैं कि बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव की स्थिति नहीं बने।उन्होंने कहा, ”हमारी स्थिति पर निगाह है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वैश्विक उतार-चढ़ाव का यहां प्रभाव सीमित रहे।” पिछले कुछ दिन में भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का औसत दाम करीब तीन साल के उच्चस्तर 76.71 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में अचानक आई तेजी और वैश्विक स्तर पर उत्पादन में बाधा से खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी हो गई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.