शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2021

वैक्सीन की डोज का असाधरण लक्ष्य प्राप्त किया

वैक्सीन की डोज का असाधरण लक्ष्य प्राप्त किया 

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। कोरोनाकाल के 19 महीने में 10वीं बार संबोधित करते हुए कहा कि  ‘जयो में सब्य इसे भारत के संदर्भ में देखें तो हमारे देश ने एक तरफ कर्तव्य का पालन किया तो उसे बड़ी सफलता भी मिली। कल भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का कठिन लेकिन असाधरण लक्ष्य प्राप्त किया है। इसके पीछे 130 करोड़ देसवासियों की शक्ति लगी है। यह हर देशवासी की सफलता है। यह केवल एक आंकड़ा नहीं है। यह देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब है। यह उस नए भारत की तस्वीर है जो कठिन लक्ष्य हासिल करना चाहता है। जो अपने संकल्प की सिद्धि के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करता है।’ मोदी ने 20 मिनट के संबोधन में बातें कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के प्रयास की सराहना कर रहा है लेकिन एक बात छूट जाती है कि दुनिया के लिए वैक्सीन खोजना और दुनिया की मदद करना। इसमें विदेश की महारत है। हम इनकी बनाई वैक्सीन ही इस्तेमाल करते रहे। जब भारत में सदी की सबसे बड़ी महामारी आई तो सवाल उठा कि क्या भारत इससे लड़ पाएगा। वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से आएगा। क्या भारत इतने लोगों को टीके लगा पाएगा। भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज यह 100 करोड़ वैक्सीन डोज सबके जवाब दे रहा है। भारत ने यह 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई है और वह भी मुफ्त।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि गांव, शहर, सुदूर देश का एक ही मंत्र रहा कि वैक्सीन भेदभाव नहीं करती तो वैक्सीनेशन में भी भेदभाव नहीं हो सकता। कोई कितना भी बड़ा हो, कितना धनी हो उसे वैक्सीन सामान्य नागरिकों की तरह की लगेगी। उन्होंने कहा कि यह भी कहा जा रहा था कि यहां लोग टीका लगवाने आएंगे ही नहीं। दुनिया के कई देशो में यह बड़ी चुनौती बन गई है, लेकिन भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगाकर सबको निरुत्तर कर दिया है। हमने ताली-थाली बजाई तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी, लेकिन उससे एकजुटता की ताकत दिखी। उसी शक्ति ने इस देश को आज 100 करोड़ तक पहुंचाया है।

मोदी ने कहा कि भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम वैज्ञानिक आधार पर जन्मा है और पनपा है और वैज्ञानिक आधार पर चारों दिशा में पहुंचा है। हमारा पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम साइंस बाउंड और सांइस बेस्ड रहा है। इस अभियान में हर जगह सांइस और सांइटिफिक एप्रोच शामिल रही है। चुनौती भी थी कि इतनी बड़ी आबादी, इतने दूर दराज के इलाकों में समय से वैक्सीन पहुंचाया जाए, देश ने वैज्ञानिक तरीकों से इसके समाधान तलाशे। किस इलाके में कब और कितनी वैक्सीन पहुंचनी चाहिए इसके लिए भी वैज्ञानिक फॉर्मूले का उपयोग हुआ।
देश-विदेश की तमाम एजेंसी भारत की अर्थव्यवस्था को लेकिर बहुत सकारात्मक हैं। भारत में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। रिकॉर्ड स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन रहे हैं। हाउसिंग सेक्टर में भी नई ऊर्जा दिख रही है। पिछले दिनों किए गए रिफॉर्म भारत की अर्थव्यस्था को और तेजी से बढ़ाने में सहयोग करेंगे। मोदी ने कहा कि आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज की खरीद हो रही है। किसानों के खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं। खेल जगत हो, एंटरटेनमेंट हो सब जगह सकारात्मक गतिविधियां तेज हो रही हैं। आने वाला त्योहारों का सीजन इसे और गति और शक्ति देगा।

संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,41,43,236 हुईं

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 15,786 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,41,43,236 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,75,745 हो गई है, जो 232 दिन में सबसे कम है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से 231 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,53,042 हो गई।
देश में लगातार 28 दिनों से कोविड-19 के दैनिक मामले 30 हजार से कम हैं और 117 दिन से 50 हजार से कम नए दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,75,745 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.51 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है।
पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 3,086 की कमी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.16 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।

वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

विषय श्रेणी में सभी क्षेत्रीय विषयों को रखा गया

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि 10वीं और 12वीं कक्षा की टर्म-1 परीक्षा के लघु विषयों की श्रेणी में सभी क्षेत्रीय विषयों को रखा गया है। सीबीएसई की ओर से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्य विषयों से पंजाबी को बाहर रखने पर आपत्ति व्यक्त की है ।
चन्नी ने ट्वीट किया था, ”मैं पंजाबी को मुख्य विषयों से बाहर रखने के सीबीएसई के तानाशाही निर्णय का विरोध करता हूं । यह संविधान की संघीय भावना के खिलाफ है और पंजाबी युवकों को अपनी मातृभाषा में सीखने के अधिकार का उल्लंघन है। मैं पंजाबी को पक्षपातपूर्ण ढंग से बाहर रखने की निंदा करता हूं । ”
पंजाब के मुख्यमंत्री की आपत्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ” यह सभी को पता है कि सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा की टर्म-1 परीक्षा के तहत मुख्य विषयों की तिथियों की घोषणा की है।” उन्होंने कहा, ” यह स्पष्ट किया जाता है कि विषयों का वर्गीकरण प्रशासनिक आधार पर किया गया है जिसका मकसद विषयों में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर टर्म-1 परीक्षा का आयोजन करना है और यह किसी भी रूप में मुख्य या लघु विषयों के महत्व से इसका कोई लेनाा-देना नहीं है।” अधिकारी ने कहा, ” अकादमिक दृष्टिकोण से सभी विषय समान रूप से महत्वपूर्ण है ।
पंजाबी क्षेत्रीय भाषा के तहत पेश की जाने वाली एक भाषा है। सभी क्षेत्रीय भाषाओं को लघु विषयों की श्रेणी के तहत प्रशासनिक सुविधा के उद्देश्य से रखा गया है जो परीक्षा आयोजित से जुड़ी व्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिये है। ” केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सोमवार को घोषणा की थी कि कक्षा 10वीं के लिए पहले टर्म की बोर्ड परीक्षा 30 नवंबर से शुरू होगी, जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षा एक दिसंबर से शुरू होगी।

इसके बाद, सीबीएसई ने कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के पहले टर्म के लघु (माइनर) विषयों के लिए तारीखों (डेटशीट) की घोषणा की। दसवीं कक्षा के लिए लघु विषयों की परीक्षा 17 नवंबर से सात दिसंबर के बीच होगी जबकि 12वीं कक्षा के लिए 16 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच परीक्षा होगी। सीबीएसई ने घोषणा की थी कि कक्षा 10वीं के लिए पहले टर्म की बोर्ड परीक्षा 30 नवंबर से शुरू होगी, जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षा एक दिसंबर से शुरू होगी।

शैक्षणिक सत्र को विभाजित करना, दो टर्म वाली परीक्षा आयोजित करना और पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाना 2021-22 के लिए दसवीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए विशेष मूल्यांकन योजना का हिस्सा था, जिसे जुलाई में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर घोषित किया गया था।

भारत आने वाली विदेशी टीमों को पृथकवास से छूट 

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। भुवनेश्वर में अगले महीने होने वाले एफआईएच पुरुष जूनियर हॉकी विश्व कप के लिए भारत आने वाली विदेशी टीमों को पृथकवास से छूट दी गयी है और उन्हें अपने प्रवास के दौरान केवल कोविड-19 के लक्षणों के लिए खुद पर निगरानी रखने की जरूरत होगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में खेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव एल एस सिंह के अनुरोध के बाद यह निर्णय किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालांकि कहा कि सभी टीमों को आवश्यक स्वास्थ्य सुरक्षा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। एफआईएच पुरुष जूनियर विश्व कप भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में 25 नवंबर से पांच दिसंबर के बीच खेला जाएगा। मेजबान भारत अभी इस टूर्नामेंट में मौजूदा चैंपियन है।
विदेशी टीमों को जिन अनिवार्य प्रोटोकॉल का अनुसरण करना होगा उनमें सभी भागीदारों का भारत के लिये रवानगी से कम से कम 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण तथा यूरोप और मध्य पूर्व से आने वाली टीमों के लिये हवाई अड्डे पर अनिवार्य परीक्षण करवाना शामिल है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सिंह को भेजे गये पत्र में लिखा है, ”सभी प्रतिभागी भारत पहुंचने के बाद 14 दिन तक अपने स्वास्थ्य पर स्वयं निगरानी रखेंगे और यदि उनमें कोविड-19 का कोई लक्षण पाया जाता है तो वे खुद को अलग कर लेंगे और कार्यक्रम के आयोजकों / निकटतम कोविड स्वास्थ्य सुविधा / राष्ट्रीय या राज्य हेल्पलाइन को इसकी रिपोर्ट करेंगे।”
इसके अलावा सभी प्रतिभागियों को कम से कम सार्वजनिक संपर्क में रहना होगा तथा उन्हें कोविड के लिये उपयुक्त व्यवहार का पालन करना होगा, जैसे कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना, हाथों की सफाई आदि। पत्र में आगे कहा गया है कि यदि भारतीय प्रवास के दौरान किसी भागीदार में कोविड-19 के लक्षण पाये जाते हैं तो उसका आरटी-पीसीआर परीक्षण किया जाएगा और उसके संपर्क में रहने वाले लोगों को भी खेल विभाग को पृथकवास पर भेजना होगा।
भारत के अलावा इस टूर्नामेंट में कोरिया, मलेशिया, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, अमेरिका, कनाडा, चिली, अर्जेंटीना और पोलैंड की टीमें भाग लेंगी। पोलैंड को इंग्लैंड की जगह शामिल किया गया है जो कोविड-19 से जुड़े यात्रा प्रतिबंधों के कारण टूर्नामेंट से हट गया था।

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