गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021

'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का कोई इरादा नहीं

'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का इरादा नहीं  

काबुल/ वाशिंगटन डीसी। तालिबान के कब्ज़े के बाद से आर्थिक संकट में घिरे अफ़ग़ानिस्तान की आर्थिक चुनौतियां आने वाले दिनों में और भी गंभीर हो सकती है। अमेरिका ने एक बार फिर साफ़ कर दिया है कि उसका तालिबान के 'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का कोई इरादा नहीं है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने चेतावनी दी है कि अगर अफ़ग़ानिस्तान को तुरंत सहायता नहीं मिली तो स्थिति 'बेहद गंभीर' हो सकती है और अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक संकट का असर पाकिस्तान, ताजिकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से लेकर तुर्की और यूरोप तक की मुश्किल बढ़ा सकता है।

अफ़ग़ानिस्तान को काफी बड़ी मात्रा में विदेशी सहायता मिलती थी। ब्रिटेन की सरकार का अनुमान है कि ओईसीडी (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट) देशों ने साल 2001 से 2019 के बीच अफ़ग़ानिस्तान को 65 अरब अमेरिकी डॉलर का दान किया था। कारोबारी रास्ते से इसमें से एक बड़ी रकम ईरान, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान तक पहुंची थी। अब इन देशों तक कारोबारी फ़ायदा तो नहीं ही पहुंच रहा है, आशंका ये है कि अफ़ग़ानिस्तान के बदहाल होने से इनकी परेशानी खासी बढ़ सकती है।

निकोलस बर्न्स ने बाइडन की बात को दोहराया

बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी। चीन में अमेरिकी राजदूत पद के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के नामित उम्मीदवार निकोल बर्न्स ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका अपने हितों को देखते हुए साथ आ जाएं तो इससे चीनी चुनौतियों को "बहुत फ़र्क़ पड़ेगा। ये बातें उन्होंने तब कहीं जब उनसे चीन का सामना करने की कोशिश कर रहे देशों के साथ आने से जुड़े अवसरों और चुनौतियों के बारे में एक सवाल पूछा गया।

अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, निकोलस बर्न्स से बाइडन की उस बात को दोहराया। जिसमें उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों के बीच समझौते पर आधारित साझेदारी पर ज़ोर दिया था। बर्न्स ने कहा, "चीन की तुलना में हमारे पास जो पक्ष मज़बूत है वो यह है कि हमारे पास सहयोगी हैं। हमारे पास ऐसे सहयोगी देश हैं जिन्हें हम पर पूरा विश्वास है। जबकि चीन के पास असल में ऐसे सहयोगी नहीं है।


एस्टर सव की आधिकारिक बुकिंग शुरु: एमजी

लंदन। ब्रिटिश स्पोर्ट्स कार निर्माता कंपनी एमजी ने एमजी एस्टर, एस्टर सव की आधिकारिक बुकिंग शुरु की। अपने सेगमेंट की सबसे पावरफुल एमजी की इस मॉडल को आप 25,000 रुपये की शुरुआती राशि के साथ बुक करा सकते हैं। डिलीवरी नवंबर 2021 में शुरू होगी। इस मॉडल की शुरुआती कीमत 9.78 लाख रुपये और अधिकतम कीमत 16.78 लाख रुपये रखी गई है। वहीँ मैनुअल वेटिएंट की कीमत 9 .78 लाख रूपये और अधिकतम कीमत 13.98 लाख रुपये के बीच है। इसके आलावा ऑटोमैटिक वेरिएंट की कीमत 12.68 लाख रुपये से 16.78 लाख रुपये के बीच है।

नई MG Astor SUV में 27 स्टैंडर्ड फिटमेंट सहित 49 सुरक्षा फीचर्स हैं। इस लिस्ट में 6 एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (EBD) के साथ एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), हिल होल्ड कंट्रोल, हिल डिसेंट कंट्रोल, ट्रैक्शन कंट्रोल, 360-डिग्री अराउंड-व्यू कैमरा, ISOFIX माउंट शामिल हैं।

टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, इमरजेंसी स्टॉप सिग्नल, ऑल-डिस्क ब्रेक, कॉर्नरिंग असिस्ट के साथ फ्रंट फॉग लैंप, रीड फॉग लैंप, और भी बहुत कुछ इस कॉम्पैक्ट एसयूवी में देखा जा सकता है। ADAS (उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली) को रेंज-टॉपिंग सुपर (O) या सेवी ट्रिम्स के लिए आरक्षित किया गया है। MG Astor पांच एक्सटीरियर कलर ऑप्शन के साथ आती हैं, जिनमें ऑरोरा सिल्वर, कैंडी व्हाइट, स्पाईड ऑरेंज, ग्लेज़ रेड और स्टाररी ब्लैक शामिल हैं। तीन इंटर्नल कलर थीम हैं – डुअल-टोन आइकॉनिक आइवरी, डुअल-टोन संगरिया रेड और टक्सिडो ब्लैक। मामूली कॉस्मेटिक और इंटर्नल परिवर्तनों के साथ, एस्टोर अपने इलेक्ट्रिक एमजी जेडएस ईवी से अलग दिखता है। मॉडल लाइनअप पांच ट्रिम्स में आता है, स्टाइल, सुपर, स्मार्ट, शार्प और सेवी – और इसमें तीन इंजन-गियरबॉक्स मिलता है। 1.5L पेट्रोल मैनुअल, 1.5L पेट्रोल CVT और 1.3L टर्बो पेट्रोल ऑटोमैटिक में उपलब्ध है। नैचुरली एस्पिरेटेड 1.5L पेट्रोल यूनिट 110bhp और 144Nm की टॉप पावर बनाती है, जबकि 1.3L टर्बो पेट्रोल मोटर 140bhp और 220Nm ऑफर करती है।

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