संदीप मिश्र
बरेली। मासिक समीक्षा बैठक में कई विभागों की कारगुजारी और लापरवाहियों ने जिलाधिकारी नितीश कुमार का पारा चढ़ा दिया। बैठक में अनुपस्थित और निर्माण कार्य में लापरवाही पर सीएमओ, बीएसए समेत एक दर्जन अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी। कईयों के इन्क्रीमेंट भी रोक दिए गए।
शुक्रवार को विकास भवन सभागार में आयोजित विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में सबसे पहले खादी ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारी जिलाधिकारी के निशाने पर आए। विभाग से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा में लापरवाही उजागर होने पर जिला ग्रामोद्योग अधिकारी का वेतन रोका। जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा रिक्त दुकानों का व्यवस्था एक सप्ताह में पूर्ण न होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही।
बिना कोई वजह के बैठक में गैरहाजिर राजकीय निर्माण निगम, पैकफेड के परियोजना प्रबंधक, आवास विकास परिषद के अधिशासी अभियन्ता का एक दिन का वेतन रोकने, नवाबगंज में उ.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याणकार बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बालक/बालिकाओं के लिए अटल आवासीय विद्यालयों के निर्माण कार्य की प्रगति मात्र 5 प्रतिशत मिलने पर संबंधित सहायक अभियन्ता और अपर अभियन्ता का अक्टूबर महीने का वेतन रोकने और प्रतिकूल प्रविष्टि सेवा पुस्तिका में अंकित करके के निर्देश दिए। 62 प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्युत कार्य में लापरवाही पर बीएसए, संबंधित अधिशासी अभियन्ता का भी अक्टूबर महीने का वेतन रोकने की बात कही।
तहसील आंवला में 50 शैय्या युक्त एमसीएच विंग का निर्माण कार्य समय पर पूर्ण नहीं होने पर मुख्य चिकित्साधिकारी को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और अवर अभियंता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा। जनपद में चयनित आकांक्षी विकास खण्डों की समीक्षा में सीएमओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी, डीआईओए, प्रधानाचार्य आईटीआई की तरफ से पेशा आंकड़ों में खामियां उजागर होने पर सभी का अक्टूबर महीने का वेतन रोकने और डीसीओ को खाद्यान की रिक्त दुकानों की व्यवस्था शीघ्र कराई जाने के निर्देश दिए। बैठक में सीडीओ चंद्र मोहन गर्ग, परियोजना निदेशक डीआरडीए तेजवंत सिंह, एसीएमओ डा. हरपाल, डीसी मनरेगा गंगाराम वर्मा, डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार आदि अधिकारी उपस्थित रहे।
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