एसआईटी ने 3 और आरोपियों को अरेस्ट किया
आदर्श श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शनिवार को तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार अबतक इस मामले में कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सिंगही कस्बे के मोहित त्रिवेदी, तिकुनिया कोतवाली क्षेत्र के रिंकू राणा और धर्मेंद्र सिंह के रूप में हुई है।
अधिकारी ने बताया कि लखीमपुर खीरी हिंसा में पुलिस हिरासत में लेकर अन्य आरोपियों से की गई पूछताछ के दौरान इनके नाम सामने आए, जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी की गई। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों को आज अदालत में पेश किया जाएगा और जांचकर्ता आगे की पूछताछ के लिए अदालत से उनकी 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग करेंगे। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ का पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू मुख्य आरोपी है।आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, जिसे नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था, फिलहाल पुलिस हिरासत में है।
इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में भाजपा वार्ड सदस्य सुमित जायसवाल, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, शिशु पाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी उर्फ सत्यम, नंदन सिंह बिष्ट, आशीष पांडे और लवकुश राणा शामिल हैं। आशीष पांडे और लवकुश राणा को छोड़कर अन्य सात आरोपियों को भी पूछताछ के लिए पुलिस ने अदालत की अनुमति के बाद अपनी हिरासत में लिया है। इनकी पुलिस हिरासत की अवधि रविवार शाम को समाप्त होगी।
हाईवे पर भिड़ंत, एसडीओ सहित 3 की मौत
संदीप मिश्र
पूरनपुर (पीलीभीत)। असम हाईवे पर वाहनों की तेज रफ्तार एक बार फिर एडीओ पंचायत समेत दो युवाओं का काल साबित हुई। शुक्रवार रात हुए हादसे में कार सवार खंड प्रेरक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक के बाद एडीओ पंचायत मरौरी ने भी इलाज को बरेली ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। तीनों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर पुलिस ने उनके परिवार के सुपुर्द कर दिया। उसके बाद गमगीन माहौल में तीनों का अंतिम संस्कार किया गया। तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर से कार के परखच्चे उड़ गए थे। कार की हालत देख लोग हादसे की भीषणता का अंदाजा लगाकर दंग रह गए। त्योहारी सीजन के बीच हुए हादसे में तीन परिवारों की खुशियां मातम में तब्दील हो गई। हादसे का असर सरकारी अमले में भी दिखा। प्रशासनिक अफसर, जिला पंचायत अध्यक्ष, शहर विधायक के अलावा अन्य जन प्रतिनिधि भी परिवार के दुख में शामिल हुए और पीड़ितों को धीरज बंधाया।कार और ट्रक के बीच यह भीषण हादसा शुक्रवार रात नौ बजे के बाद असम हाईवे पर गजरौला थाना क्षेत्र में सकरिया मोड़ पर हुआ था। इसमें कोतवाली पूरनपुर के गांव घुंघचाई निवासी रवि प्रकाश मिश्रा मरौरी ब्लॉक में एडीओ पंचायत के पद पर तैनात थे। जटपुरा निवासी रियाज स्वच्छता मिशन के खंड प्रेरक जबकि महुआ गुंदे गांव निवासी अभिषेक मिश्रा जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर थे। तीनों कार में सवार होकर रोज की तरह घर लौट रहे थे।
सकरिया मोडृ के पास पहुंचते ही ट्रक ने ने कार को टक्कर मार दी। कार सवार रियाज और अभिषेक मिश्रा को जिला अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। हालत गंभीर होने पर एडीओ पंचायत को इलाज को ले जाते वक्त मौत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार की की क्षतिग्रस्त हालत को देख हर कोई दंग रह गया। पोस्टमार्टम के बाद शनिवार दोपहर शव घर पहुंचे तो चीख पुकार मच गई। जिसने सुना वह गमगीन परिवार को ढांढस बंधाने में जुटा रहा।
भाजपा विधायक बाबूराम पासवान, सदर विधायक संजय सिंह गंगवार, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि गुरु भाग सिंह, सपा नेता अजय भारती, पूर्व डीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव, संजय तामर समेत तमाम अफसर-कर्मचारी पोस्टमार्टम हाउस पर गए और शोक संवेदनाएं व्यक्त की। गमगीन माहौल में मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
करवा चौथ से 48 घंटे पहले उजड़ गया मांग का सिंदूरः पति की दीघार्यु के लिए करवा चौथ के व्रत की तैयारियों में जुटी सरला और उपासना को तो असम हाईवे पर हुए हादसे ने जिंदगी भर का गम दे दिया है। करवा चौथ से दो दिन पहले ही उनकी मांग का सिंदूर उजड़ गया। रोज की तरह दोनों अपने-अपने पतियों का इंतजार कर रही थीं। मगर उन्हें क्या पता था कि उनका चांद (पति) हमेशा के लिए बादलों में छुप गया। मौत की खबर मिलते ही दोनों बेसुध हो गईं। परिवार वाले उन्हें संभालते में जुटे रहे। उनका रो-रोकर बुरा हाल रहा।
एडीओ पंचायत रवि प्रकाश मिश्रा, खंड प्रेरक रियाज और बीपीएम अभिषेक मिश्रा तीनों ही खुशमिजाज अंदाज के लिए पहचाने जाते थे। सभी हंसी-खुशी और सादगी भरा अंदाज था। रविवार को करवा चौथ है। पर्व की तैयारियां भी परिवार में चल रही थी। एडीओ पंचायत की पत्नी सुशीला देवी, बीपीएम अभिषेक मिश्र की पत्नी उपासना दोनों ही पति की दीघार्यु को करवा चौथ के व्रत की तैयारियां भी कर रहे थे। मगर, कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।
दोनों अपने साथी कर्मचारी रियाज के साथ वापस घर जा रहे थे कि रास्ते में तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आकर मौत हो गई। घर पर पतियों का इंतजार कर रही महिलाओं को जब मौत की खबर मिली तो करवा चौथ से दो दिन पहले ही उन्हें जिंदगी भर का गम नसीब हो गया। वह बेसुध हो गई। बार-बार गश खाकर बेहोश होती रही। जैसे-तैसे दुखद घड़ी में परिवार वालों ने उन्हें संभालने का प्रयास किया। उधर, खंड प्रेरक रियाज की पत्नी सना बी का भी राेकर बुरा हाल रहा।
बिखर गई तीनों की गृहस्थीः हादसे तीनों की गृहस्थी को बिखेर कर रख दिया है। एडीओ पंचायत रवि प्रकाश मिश्रा के परिवार में पत्नी सुशीला के अलावा बेटा मयंक मिश्रा,मंजुल और मुकुंद मिश्रा है। खंड प्रेरक को कम समय पहले ही नौकरी मिली थ्यी।इसकी खुशी परिवार में थी। दो साल पहले ही सना बेगम के साथ निकाह हुआ। पत्नी वर्तमान में गर्भवती है। ऐसे में परिवार का खुशनुमा माहौल था। मगर, पति की मौत ने उसे झकझोर कर रख दिया।
सरल स्वभाव के थे तीनोंः बीपीएम अभिषेक मिश्रा का सरल स्वभाव उनकी अलग पहचान रखता था। बड़ा भाई अनादि मिश्र एफसीआई गोदाम पूरनपुर में कार्यरत है। छोटा भाई अनुराग मिश्रा की गिनती तेज तर्रार युवा भाजपा नेता के रुप में है। पिता चंद्र प्रकाश मिश्रा नायब तहसीलदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे। पत्नी उपासना के अलावा उनका तीन साल का बेटा क्रिश है, जोकि सभी का लाडला है।
उसके सिर से पिता का साया उठ गया। मासूम को क्या पता कि रोज उसके साथ हंसने-खेलने वाले पिता अब दुनिया से दूर चले गए। उनके पहुंचने के बाद ही वह सोया करता था। इससे अनजान मासूम परिवार में हादसे के बाद मची चीख पुकार को लेकर हैरत में पड़ा रहा। कभी घबरा के मां की गोद में जा बैठता तो कभी रोने लगता। उसे देख हर कोई हादसे को कोसता नजर आया।
हाल ही में मरौरी में हुई थी तैनातीः मृतक एडीओ पंचायत रवि प्रकाश मिश्रा मरौरी से पहले पूरनपुर में ग्राम पंचायत अधिकारी पद पर तैनात रहे थे।उसके बाद एडीओ पंचायत के रूप में पहली तैनाती बिलसंडा ब्लॉक में रही। कुछ महीनों के बाद उनको अमरिया भेज दिया गया था। इससे पहले वह शाहजहांपुर जिले में भी कार्यरत रह चुके थे।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी उठे सवालः हादसे में तीन लोगों की मौत के बाद शनिवार को पोस्टमार्टम हाउस पर भीड़ थी। हर कोई परिवार के साथ दुखद क्षणों में खड़ा था।वहीं, मृतकों के परिवार वालें ने जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि हादसे के बाद वाहन में लादकर घायलों को जिला अस्पताल भेज दिया गया था।
आरोप है कि वहां पर किसी तरह की संतोषजनक स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिली। खबर मिलने पर जब वह करीब एक घंटे बाद जिला अस्पताल पहुंचे तब भी दोनों इमरजेंसी के बाहर ही वाहन में थे। उन्हें किसी डॉक्टर या अन्य कर्मचारी ने देखने की जहमत तक नहीं उठाई थी।ये भी आरोप लगाया कि किसी तरह से बचाव को कदम नहीं उठाए गए। हालांकि किसी तरह शिकायत तो नहीं की। मगर, हादसों को देखते हुए व्यवस्था बेहतर बनाने कीमांग उठाई।
ट्रेनों न चलने को कोसते दिखे साथीः पूरनपुर रेलखंड पर साल 2018 से ट्रेनों का संचालन बंद है। पूरनपुर के अधिकांश लोग पीलीभीत आकर नौकरी करते हैं। प्रतिदिन उनका आना-जाना रहता है। लंबे समय से ट्रेनों का संचालन न होने से लोग निजी वाहनों से सफर कर रहे हैं। हाईवे पर मार्ग बड़े वाहनों की आवाजाही अधिक रहती है। इससे हादसे का डर बना रहता है। ये तीनों लोग भी पहले ट्रेन से ही सफर किया करते थे। मगर, ट्रेनें बंद हुई। बसों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में निजी वाहनों से ही आवाजाही चल रही थी। हादसे के बाद ट्रेनों के संचालन बंद होने को लेकर भी नाराजगी जताते दिखे।
भतीजे दीपक ने कार में ली थी आखिरी सेल्फीः मृतक अभिषेक मिश्रा का भतीजा महुआ गुंदे गांव निवासी दीपक मिश्रा किशोर न्यायालय में लिपिक है। वह रोज चाचा अभिषेक के साथ आता-जाता था। शुक्रवार सुबह तीनों मृतक और दीपक साथ कार में सवार होकर आए थे। इस दौरान दीपक ने कार में बैठे हुए एक सेल्फी भी ली थी। देर शाम दीपक भी साथ में ही वापसी करने का इंतजार कर रहा था। मगर, चाचा अभिषेक ने एक काम में व्यस्त होने की बात कहकर दीपक को पहले ही अलग से वापस घर भिजवा दिया था। उसके बाद तीनों मृतक कार से वापस हो रहे थे। अब हादसे में तीनों की मौत के बाद हर कोई इसे लेकर चर्चा करता रहा। अगर दीपक को अलग से न भेजा गया होता तो वह भी सभी के साथ कार में सवार होता।
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