बुधवार, 27 अक्तूबर 2021

रिचार्ज पर 2 रुपये का प्रोसेसिंग शुल्क लागू


रिचार्ज पर 2 रुपये का प्रोसेसिंग शुल्क लागू
अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म फोनपे ने आज स्पष्ट किया कि भुगतान ऐप पर सभी यूपीआई मनी ट्रांसफर, ऑफलाइन और ऑनलाइन भुगतान (यूपीआई, वॉलेट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से) मुफ्त हैं। लेकिन मोबाइल रिचार्ज पर दो रुपये तक का प्रोसेसिंग शुल्क लगाने का प्रयोग कर रहा है।
कंपनी ने यहां जारी स्पष्टीकरण में कहा कि मोबाइल रिचार्ज के लिए, फोनपे एक प्रयोग कर रहा है, जहां उपयोगकर्ताओं के एक छोटे वर्ग से 51-100 रुपये के रिचार्ज के लिए 1 रुपये और 100 रुपये से अधिक के रिचार्ज के लिए 2 रुपये का प्रोसेसिंग शुल्क लिया जा रहा है। यह शुल्क सभी उपयोगकर्ताओं के लिए लागू है। भुगतान साधन (यूपीआई, वॉलेट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से), 50 रुपये से कम का रिचार्ज पूरी तरह से फ्री है।
द्वारा किये गए भुगतान पर शुल्क लेता है और यह अब एक उद्योग मानदंड है और कई भुगतान ऐप और बिलर प्लेटफ़ॉर्म के लिए सामान्य है।
उसने कहा कि भुगतान ऐप पर सभी यूपीआई मनी ट्रांसफर, ऑफलाइन और ऑनलाइन भुगतान (यूपीआई, वॉलेट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से) मुफ्त हैं और वे सभी उपयोगकर्ताओं के लिए मुफ्त रहेंगे। फोनपे इन लेनदेनों के लिए कोई शुल्क नहीं लेता है, और भविष्य में भी ऐसा नहीं करेगा।

आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि 
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। ऑनलाइन किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि दिल्ली में कोविड सुरक्षा और ईंधन एवं आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि से लोगों के घर के बजट पर असर पड़ा है और ये कारक त्योहार के मौसम में लोगों के खरीदारी के फैसले को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मानदंड बन गए हैं। लोगों के मुद्दों पर चर्चा करने वाले एक सामुदायिक सोशल मीडिया मंच ‘द मूड ऑफ द कन्ज्यूमर सर्वे बाई लोकल सर्किल्स’ के सर्वेक्षण में पता चला कि इस साल त्योहारी मौसम की खरीदारी में दिल्ली के 31 प्रतिशत उपभोक्ताओं के लिए ‘बजट/मूल्य’ शीर्ष मानदंड है, जबकि 37 प्रतिशत के लिए ‘सुरक्षा’, 11 प्रतिशत के लिए ‘चयन या श्रेणी’ निर्णायक कारक हैं। 21 प्रतिशत के लिए ‘सुविधा’ सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सर्वेक्षण में उन परिवारों के प्रतिशत में वृद्धि नजर आई जिन्होंने मई में त्योहार की खरीदारी की योजना बनाई थी। कोविड की स्थिति में सुधार होने से मई के 30 प्रतिशत की तुलना में सितंबर में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत हो गया। सर्वेक्षण में कहा गया है, ”पेट्रोल, डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों का असर घरेलू बजट पर पड़ रहा है।”

सर्वेक्षण में समूची दिल्ली में स्थित 16,000 से अधिक घरों से 40,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिनमें से 65 प्रतिशत उत्तरदाता पुरुष थे जबकि 35 प्रतिशत महिलाएं थीं। यह पूछे गया कि वे इस साल अपनी अधिकांश त्योहारी खरीदारी कैसे करेंगे? इस पर 38 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इस त्योहारी मौसम में अधिकतर आवश्यक वस्तुओं को ”दुकानों/बाजार में जाकर खरीदना” चाहेंगे। अन्य 12 प्रतिशत ने कहा कि वे ”दुकानों से ऑनलाइन सामान खरीदना चाहते हैं” और 38 प्रतिशत ने कहा कि वे ”ऑनलाइन साइटों या ऐप के माध्यम से ऑर्डर देना चाहेंगे।

डिजिटल रूप से आईपीओ का आकार बढ़ेगा
अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। डिजिटल रूप से वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी पेटीएम अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का आकार बढ़ाकर 18,300 करोड़ रुपये करेगी। सूत्रों के मुताबिक कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक अलीबाबा समूह की फर्म एंट फाइनेंशियल और सॉफ्टबैंक सहित अन्य मौजूदा निवेशकों ने पेटीएम में अपनी अधिक हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।
इससे पहले कंपनी की योजना आईपीओ के जरिए कुल 16,600 करोड़ रुपये जुटाने की थी, जिसमें 8,300 करोड़ रुपये का ताजा निर्गम और 8,300 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल थी। मौजूदा शेयरधारकों द्वारा अधिक हिस्सेदारी बेचने के फैसले से ओएफएस का आकार 1,700 करोड़ रुपये बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।
एक सूत्र ने कहा, ”बिक्री पेशकश का लगभग आधा हिस्सा एंट फाइनेंशियल और बाकी अलीबाबा, एलिवेशन कैपिटल, सॉफ्टबैंक और अन्य मौजूदा शेयरधारकों द्वारा है।” पेटीएम ने अपने आईपीओ दस्तावेज में सॉफ्टबैंक द्वारा हिस्सेदारी बेचने का जिक्र नहीं किया था। एंट फाइनेंशियल को नियामकीय आवश्यकताओं के तहत अपनी हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए कम से कम पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचनी है।

24 घंटे में कोरोना के 13,451 नए मामले मिलें
अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 13,451 नए मामले सामने आए। जिसके बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3,42,15,653 हो गई। वहीं, इलाज करा रहे मरीजों की संख्या घटकर 1,62,661 हो गई है, जो कि पिछले 242 दिनों में सबसे कम है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 585 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,55,653 हो गई।
देश में लगातार पिछले 33 दिन से कोविड-19 के दैनिक मामले 30,000 से कम आ रहे हैं और पिछले 122 दिन से दैनिक मामले 50,000 से कम हैं। मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या कुल मामलों का 0.48 प्रतिशत है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों के स्वस्थ होने की दर 98.19 फीसदी है, जो कि मार्च 2020 से सबसे ज्यादा है।
पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,155 मामलों की कमी हुई। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

प्राइवेसी के उल्लंघन की जांच होनी चहिए: एससी
अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट को आदेश आ गया है। जिसमें कहा गया है कि पेगासस जासूसी मामले की जांच एक्सपर्ट कमेटी ही करेगी। इससे पहले कोर्ट में दायर याचिकाओं में पेगासस मामले में स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी। वहीं, कोर्ट ने कहा कि बिल्कुल मंजूरी नहीं है। चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले पर फैसला लिया है। वहीं, इस मामले में कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार का कोई साफ स्टैंड नहीं था। साथ ही कोर्ट ने कहा कि प्राइवेसी के उल्लंघन की जांच होनी चहिए।

सोने के भाव में 52 रुपये की भारी गिरावट   

सुनील श्रीवास्तव   

नई दिल्ली। बुधवार को सोने की कीमत में भारी गिरावट देखी जा रही है। MCX पर दिसंबर डिलिवरी वाला सोना आज 52 रुपये की गिरावट के साथ खुला। मंगलवार को यह 47813 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था और आज 47761 रुपये पर खुला। दोपहर बाद 1.15 बजे यह 163 रुपये की गिरावट के साथ 47650 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। सुबह के सत्र में इसने 47,650 रुपये का न्यूनतम और 47,796 रुपये का उच्चतम स्तर छू लिया। दूसरी ओर दिसंबर डिलिवरी वाली चांदी 199 रुपये की गिरावट के साथ 64,809 रुपये प्रति किलो के भाव पर ट्रेड कर रही थी।

सोने की कीमतों में भले ही आज गिरावट देखी जा रही है। लंबी अवधि में सोना करीब 8.5 हजार रुपये सस्ता हो चुका है। पिछले साल अगस्त में सोना 56,200 रुपये के अपने उच्चतम स्तर तक जा पहुंचा था और अभी सोना 47,650 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर के करीब पहुंच गया है। इस तरह सोना अभी अपनी ऑल टाइम हाई कीमत से करीब 8.5 हजार रुपये सस्ता मिल रहा है। अगर आप सोना खरीदने की सोच रहे हैं तो ये खरीदारी का अच्छा मौका है। अगर बात सोने की करें तो पिछले साल सोने ने 28 फीसदी का रिटर्न दिया है। उससे पिछले साल भी सोने का रिटर्न करीब 25 फीसदी रहा था। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है। पिछले सालों में सोने से मिला रिटर्न आपके सामने है, जो दिखाता है कि निवेश करने से फायदा ही है। जानकारों के मुताबिक, साल के अंतिम महीनों में सोना रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। अमेरिका का इकनॉमिक डेटा और क्रूड की बढ़ रही कीमतों से महंगाई बढ़ने की चिंता सोने के लिए उत्प्रेरक का काम कर सकती है। इसके अलावा त्योहारों, शादी ब्याह का सीजन भी सोने की कीमत को पुश कर सकता है। चीन में चल रहे बिजली संकट की वजह से भी इक्विटी निवेशक गोल्ड में इन्वेस्टमेंट की ओर शिफ्ट हो सकते हैं। हालांकि अमेरिकी डॉलर में मजबूती के चलते सोने की कीमत पर दबाव रहने की भी संभावना है।

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड कोषों (ईटीएफ) में सितंबर में 446 करोड़ रुपये का निवेश आया। देश में त्योहारी सीजन के मद्देनजर मजबूत मांग के चलते निवेश का यह प्रवाह अभी जारी रहने की उम्मीद है। इससे पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में 24 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने शुद्ध रूप से 61.5 करोड़ रुपये की निकासी की थी।



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