अविनाश श्रीवास्तव
पटना। बिहार में बिजली संकट पर ऊर्जा सचिव संजीव हंस ने बताया कि बिहार में बिजली कंपनियों के द्वारा अपना उत्पादन नहीं किया जाता। बल्कि केंद्रीय बिजली उत्पादन संस्थानों के द्वारा उत्पादित बिजली खरीद कर उपभोक्ताओं को दी जाती है। बाजार में वर्तमान कोयला संकट के कारण महंगी दर पर बिजली मिल रही है। बाजार से महंगी बिजली खरीदकर भी उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने का निर्णय लिया गया है। ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन केंद्रों में कोयले का स्टॉक बहुत कम हो चुका है।
बता दें कि देश में 70 फीसदी बिजली उत्पादन कोयले के द्वारा ही होता है। जानकारी के मुताबिक कुल 135 थर्मल पावर प्लांट्स में से 72 के पास कोयले का तीन दिन से भी कम का स्टॉक बचा हुआ है। जबकि 50 पावर प्लांट ऐसे है। जहां कोयले का चार से 10 दिन का स्टॉक है।
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