संदीप मिश्र
बरेली। भले ही अंग्रेजी हुकूमत में स्थापित हुए एलन यूनियन क्लब के नाम का बोर्ड नहीं बदला गया लेकिन इस नाम के क्लब का अस्तित्व कागजों में मिटाया जा चुका है। इस क्लब का नाम ‘बरेली ऑफीसर्स क्लब’ रखे महीनों हो गए। क्लब पर पूर्णरूप से जिले के अधिकारियों का वर्चस्व हो गया। पूंजीपतियों, जनप्रतिनिधियों और व्यापारियों का अधिकार खत्म हो गया। जो पदाधिकारी और सदस्य दशकों से क्लब से जुड़े थे, उनको भी दरकिनार रखा गया है।
क्लब का संचालन अब प्रशासन करेगा। कागजों में तेजी से इस क्लब के कार्य हो रहे हैं। लेकिन धरातल पर क्लब का कोई कार्य सार्वजनिक नहीं किया है। इसलिए हर आदमी की जुबां पर अभी इस क्लब का नाम ‘एलन क्लब’ चढ़ा है। नए क्लब की टीम तैयार होने के बाद इसकी सदस्यता शुल्क का निर्धारण भी कर दिया गया लेकिन सदस्यता शुल्क आमजन की पहुंच से ज्यादा रखा है। बरेली क्लब की राह चलकर ही बरेली ऑफीसर्स क्लब का संचालन कराने के लिए प्रशासन ने पूरी पटकथा लिखी है।
बरेली क्लब की सदस्यता शुल्क 8.50 लाख रुपये है। इसलिए इस क्लब का सिर्फ सेना के अफसर और पूंजीपति ही सदस्य बन पाते हैं। यह सबसे महंगा क्लब है। बताते हैं कि पूर्व में एलन क्लब की सदस्यता पांच हजार से अधिक नहीं थी लेकिन नए क्लब की सदस्यता लेने के लिए 50 हजार रुपये खर्च करने होंगे। एलन क्लब में 2015 से पहले से जो सदस्य जुड़े थे, उनको नए क्लब की सदस्यता शुल्क में 30 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इस संबंध में नगर मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय की ओर से नोटिस भी क्लब भवन गेट पर चस्पा कर दिया गया है।
कोई भी सदस्य बन सकता है लेकिन शर्तें गोपनीय
नए क्लब की सदस्यता को लेकर कई बातें गोपनीय रखी गयी हैं। जिनका सार्वजनिक होना जरूरी है। इस क्लब में कोई भी सदस्यता ले सकता है, लेकिन शर्तों के साथ। शर्तें क्या हैं, इस बारे में अधिकारियों ने स्पष्ट नहीं किया है। कब से कब तक सदस्यता ली जा सकती है, इसका भी खुलासा नहीं किया गया है।
एलन क्लब का खाता रामपुर गार्डन स्थित यश बैंक में था लेकिन नए क्लब का गठन होने के बाद इसका खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में खुलवाया गया है। खाते का संचालन जिलाधिकारी/क्लब के उपाध्यक्ष करेंगे। उनके निर्देशों के बिना खाते का संचालन नहीं होगा। बरेली ऑफीसर्स क्लब के नाम से सोसायटी का गठन किया गया है। जिसका पंजीकरण संख्या बीएआर/08528/2020-2021, 12 फरवरी, 2021 को सहायक रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी तथा चिट्स, सिविल लांइस में किया गया है।
नए क्लब में इन अधिकारियों को सौंपी गयी जिम्मेदारी
बरेली ऑफीसर्स क्लब की नई कमेटी के अध्यक्ष मंडलायुक्त बनाए गए हैं। उपाध्यक्ष जिलाधिकारी हैं। नगर आयुक्त सचिव बने हैं। कोष का जिम्मा मुख्य कोषाधिकारी, अपर जिलाधिकारी नगर संयुक्त सचिव बने हैं। जबकि क्लब की कार्यकारिणी सदस्यों में बीडीए उपाध्यक्ष, मुख्य विकास अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर नगर आयुक्त, नगर मजिस्ट्रेट को शामिल किया गया है। 13 सदस्यीय कमेटी में प्रमुख अधिकारियों को ही जगह मिली है।
क्लब में ‘बार’ खोलने को लेकर भी अंदरखाने अधिकारी मंथन कर रहे हैं। सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में हुई बैठक में सदस्यता शुल्क का निर्धारण तो कर दिया लेकिन बार खोलने के संबंध में चर्चा नहीं हुई। क्लब में पहले बार भी संचालित था। राजस्व बढ़ाने के लिए बार खोलने की अनुमति दी जा सकती है। इसके साथ आय के स्रोत को लेकर अधिकारी विचार विमर्श कर रहे हैं। क्लब को शादी समारोह, जन्मदिन पार्टी और खेलों से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन कराने के लिए किराए पर देने के लिए जल्द शुल्क निर्धारित किया जाएगा।
प्रशासन ने क्लब की संपत्ति अपने कब्जे में लेकर भले ही पूर्व कमेटी के पदाधिकारियों को दरकिनार कर दिया लेकिन उनसे पीछा छुड़ाना इतना आसान नहीं रह गया है। जिन सदस्यों ने आजीवन सदस्य बने रहने के लिए क्लब की सदस्यता ली थी, वे चुप बैठने वाले नहीं हैं। क्लब गेट पर नोटिस चस्पा होने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया है। अभी तक नए क्लब को लेकर किसी को कुछ पता नहीं था लेकिन अब प्रशासन की मंशा उजागर हो गयी। दूसरी बात, क्लब में करोड़ों रुपये का सामान बताया जा रहा है, जो प्रशासन के कब्जे में है। इसका निस्तारण होना बाकी है।
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