माली में पूर्व निर्धारित चुनाव कराने का आग्रह
बमाको। माली में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए सप्ताहांत में देश की यात्रा पर पहुंचे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक मिशन ने देश के अधिकारियों से पिछले साल तख्तापलट के बाद पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय ब्लॉक के साथ हुए समझौतों को पूरा करने के वास्ते फरवरी में पूर्व निर्धारित चुनाव कराने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र में केन्या के राजदूत मार्टिन किमानी के नेतृत्व में इस मिशन ने नागरिक समाज संगठनों, शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले समूहों, माली के प्रधानमंत्री और सत्ता हस्तांतरण के दौरान देश के राष्ट्रपति कर्नल असिमी गोइता से सप्ताहांत की यात्रा के दौरान मुलाकात की।
किमानी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं सुधार (राजनीतिक और संस्थागत दोनों) की उस आकांक्षा को देखकर अभिभूत हूं, जो माली के अधिकतर नागरिक चाहते हैं। हम अब सत्ता हस्तांरतण के दौर के समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद चुनाव होगा। हालांकि, माली के अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मिशन के साथ बैठक के बाद कहा कि वे चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए दिसंबर में माली के कई समूहों के साथ परामर्श करेंगे।
‘ऑस्ट्रेलिया’ के पांचवें मंत्री को शामिल किया
अखिलेश पांडेय
कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सोमवार को घोषणा की कि 2050 तक निवल शून्य (नेट जीरो) कार्बन उत्सर्जन के राष्ट्रीय लक्ष्य के लिए सरकार की गठबंधन साझेदार का समर्थन हासिल करने की खातिर किए गए समझौते के तहत कैबिनेट में ‘नेशनल पार्टी ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ के पांचवें मंत्री को शामिल किया जाएगा। लक्ष्य के प्रति रविवार को बैठक में प्राप्त हुआ, ‘नेशनल पार्टी ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ यानी ‘द नेशनल्स’ का सैद्धांतिक समर्थन प्रधानमंत्री मॉरिसन के लिए बड़ी सफलता है।
मॉरिसन स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए बृहस्पतिवार को रवाना होने से पहले ऑस्ट्रेलिया के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए अधिक महत्वाकांक्षी योजना बनाना चाहते हैं। ‘द नेशनल्स’ के सांसदों ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि उन्होंने लक्ष्यों के प्रति समर्थन देने के लिए क्या शर्तें रखी हैं। मॉरिसन की कैबिनेट इन शर्तों पर विचार कर रही है। नेशनल्स के नेता बार्नबी जॉयस ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या पार्टी ने संसाधन मंत्री कीथ पिट को नेशनल्स का पांचवां कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की मांग की थी। बाद में मॉरिसन ने कहा कि पिट उनकी कैबिनेट में शामिल होंगे।
कोच के पद से इस्तीफा, मजबूर हुए मिसबाह
सुनील श्रीवास्तव
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिसबाह उल हक और मौजूदा कप्तान बाबर आजम ने टी-20 विश्व कप के पहले मैच में भारत पर मिली ऐतिहासिक जीत के बाद खिलाड़ियों को ताकीद की है कि वे जीत के खुमार में जरूरत से ज्यादा नहीं डूब जायें। टी20 विश्व कप से एक महीने पहले ही राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा देने को मजबूर हुए मिसबाह ने कहा कि खिलाड़ियों को विश्व कप जीतने पर फोकस करना चाहिये।
टूर्नामेंट से पहले गेंदबाजी कोच के पद से इस्तीफा देने वाले वकार युनूस के साथ एक चैनल पर मिसबाह ने कहा ,” उम्मीद है कि हम जश्न के खुमार में डूब नहीं जायेंगे और यह नहीं भूलेंगे कि हमें और भी मैच खेलने हैं और विश्व कप जीतना है।” मिसबाह ने कहा कि टीम ने बेहद अनुशासित प्रदर्शन करके भारत को दस विकेट से हराया। उन्होंने कहा ,” अब इसी अनुशासन को आगे भी बनाये रखना है। हर खिलाड़ी को अपनी भूमिका निभान है।
साक्षात्कार में अपने दावे के समर्थन में प्रमाण नहीं
अखिलेश पांडेय
रियाद। अमेरिका और सऊदी अरब के आतंकवाद विरोधी संयुक्त प्रयासों की निगरानी में मदद करने वाले एक पूर्व वरिष्ठ सऊदी सुरक्षा अधिकारी ने आरोप लगाया है कि देश के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने पिता के शाह बनने से पहले तत्कालीन शाह की हत्या करने की बात कही थी। हालांकि, पूर्व अधिकारी साद अल-जाबरी ने ‘सीबीएस न्यूज’ द्वारा रविवार को प्रसारित कार्यक्रम ’60 मिनट्स’ में दिए साक्षात्कार में अपने दावे के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं दिया। खुफिया विभाग के पूर्व अधिकारी कनाडा में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि वह शाह अब्दुल्ला की हत्या कर सकते हैं। उस वक्त प्रिंस मोहम्मद सरकार में किसी वरिष्ठ भूमिका में नहीं थे। शाह अब्दुल्ला के निधन के बाद उनका स्थान जनवरी 2015 में शाह सलमान ने लिया। अल-जाबरी ने इस साक्षात्कार के जरिए प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को चेतावनी दी कि उनके पास एक वीडियो है जो शाही घराने से जुड़े कई राज और अमेरिका से संबंधित गोपनीय बातों का खुलासा करता है। अल-जाबरी (62) ने कहा कि क्राउन प्रिंस तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक वह मुझे मरता हुआ न देख लें क्योंकि वह मेरे पास मौजूद सूचनाओं से भयभीत हैं। अल-जाबरी ने प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को ‘मनोरोगी, कातिल’ करार दिया। वहीं, सऊदी सरकार ने ‘सीबीएस न्यूज’ से कहा कि अल-जाबरी ”एक बदनाम पूर्व सरकारी अधिकारी हैं।
जिनका अपने वित्तीय अपराधों को छिपाने के लिए मनगढंत कहानियां गढ़ने और ध्यान भटकाने का एक लंबा इतिहास रहा है। सरकार ने अल-जाबरी के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया है और इंटरपोल नोटिस जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वह भ्रष्टाचार के आरोपों में वांछित हैं, जबकि अल-जाबरी का दावा है कि उन्होंने यह दौलत शाहों की सेवा के दौरान अर्जित की है।
शपथ ग्रहण समारोह में गवर्नर पर हमला
तेहरान। उत्तर-पश्चिमी ईरानी प्रांत अजरबैजान के नए गवर्नर अबेदिन खोर्रम को एक नाराज व्यक्ति ने स्टेज पर चढ़कर थप्पड़ मार दिया। ये घटना शनिवार की है जब गवर्नर का शपथ ग्रहण कार्यक्रम चल रहा था। ईरान के सरकारी टेलीविजन IRIB की रिपोर्ट में इसकी वजह बताई गई है। इसमें कहा गया कि आरोपी की पत्नी को किसी महिला की बजाय पुरुष मेडिकल स्टाफ ने कोविड-19 की वैक्सीन लगाई थी। वह इससे खफा था।
एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले का मकसद आपसी मसला था। इसका गवर्नर की नियुक्ति से कोई लेना-देना नहीं है। इस घटना का एक फुटेज सामने आया है। सोशल मीडिया पर भी यह फुटेज वायरल हो रहा है। 23 अक्टूबर के इस फुटेज से पता चलता है कि तबरीज़ शहर में अबेदीन खोर्रम भाषण के लिए मंच पर पहुंचे थे।कुछ देर बाद एक अज्ञात व्यक्ति स्टेज पर आया और बिना किसी चेतावनी के थप्पड़ मार दिया। इसके बाद सुरक्षा बलों ने हमलावर को पकड़ लिया और उसे घसीटते हुए बगल के दरवाजे से बाहर कर दिया। कुछ देर बाद खोर्रम दोबारा स्टेज पर लौट आए। खोर्रम ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि वह हमलावर को नहीं जानते। खोर्रम ने कहा, ‘जब मैं सीरिया में था तो मुझे दिन में 10 बार पीटा जाता था। 10 से ज्यादा बार, वे मेरे सिर पर एक लोडेड गन रखते थे। मैं हमलावर को उन दुश्मनों की तरह मानता हूं, लेकिन उसे मैं माफ करता हूं।’
हमलावर इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के आशूरा कॉर्प का मेंबर था और शायद यह हमला एक व्यक्तिगत विवाद के चलते किया गया था। इस मामले की जांच की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अबेदिन खोर्रम पार्लियामेंट्री रिवोल्यूशनरी गार्ड में रह चुके हैं। 2013 में सीरिया में रिबेल फोर्सेज ने उन्हें 48 अन्य ईरानियों के साथ किडनेप कर लिया था। अबेदिन खोर्रम को राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने 17 अक्टूबर को गवर्नर नियुक्त किया था।
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