रूद्रपुर। किच्छा रोड स्थित कान्फ्लूएंस स्कूल शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए अब विश्व स्तर की शिक्षण सुविधाएं मुहैया कराने वाले क्रिमसन एजुकेशन के साथ जुड़ गया है। दोनों मिलकर अब शिक्षा के क्षेत्र में आई नई चुनौतियों का सामना करने के साथ-साथ शिक्षा को नई तकनीक से जोड़ने का भी काम करेंगे। क्रिमसन और कान्फ्लूएंस स्कूल अब न सिर्फ बच्चों को सर्वांगीण विकास की ओर ले जाएंगे। बल्कि शिक्षकों को भी नई शिक्षा प्रणाली के अनुरूप प्रशिक्षित करेंगे। बता दें कान्फ्लुएंस वल्र्ड स्कूल की स्थापना किच्छा रोड रूद्रपुर में वर्ष 2012 में पुनीत छाबड़ा और साक्षी छाबड़ा ने की थी। शुरूआत से ही इस स्कूल को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से स्थापित किया गया था इसी के चलते यह विद्यालय आज शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान बना चुका है। कान्फ्लूएंस स्कूल शुरुआत से ही एक प्रगतिशील स्कूल रहा है जो न केवल छात्रों के सर्वांगीण विकास पर फोकस करता है बल्कि यह छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष रूप से ध्यान देता है। शिक्षा के साथ साथ खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी बच्चों को इस स्कूल में विशेष रूप से तैयार किया जाता है। वर्तमान में कोविड महामारी के बदले हालातों को देखते हुए कान्फ्लूएंस स्कूल ने परिस्थितियों के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए नई शुरूआत की है। दरअसल कान्फ्लूएंस स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में आई चुनौतियों का सामना करने और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020-21 के तहत स्कूल को नया रूप देने की कवायद में जुट गया है। इसी को लेकर कान्फ्लूएंस स्कूल ने विश्व स्तरीय शिक्षण सुविधाएं मुहैया कराने वाले क्रिमसन एजुकेशन के साथ अनुबंध किया है। एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कान्फ्लुएंस के निदेशक पुनीत छाबड़ा और साक्षी छाबड़ा ने बताया कि कान्फ्लुएंस ने मुंबई स्थित क्रिमसन एजुकेशन के साथ अनुबंध किया है, जिसका नेतृत्व प्रसिद्ध शिक्षाविद कर रहे है। इन शिक्षाविदों ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा बोर्डों के साथ काम किया है। क्रिमसन अब देश के सात राज्यों में 25 स्कूलों के साथ भारत के सबसे तेजी से बढ़ते स्कूलों से एक है और क्रिमसन से जुड़ने वाला कान्फ्लुएंस वल्र्ड स्कूल उत्तराखंड का पहला स्कूल है। उन्होंने बताया कि क्रिमसन भारत के मुख्य शहर जैसे मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, फरीदाबाद में सीबीएसई, आईबी और आईसीएसई बोर्डों से संबद्ध स्कूलों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। क्रिमसन की टीम को न केवल भारत बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्कूलों के प्रबंधन का समग्र अनुभव है। कान्फ्लुएंस रुद्रपुर का पहला और एक मात्र स्कूल है जिसके पास देश के सर्वश्रेष्ठ सीबीएसई स्कूलों में से एक होने के उद्देश्य से इन प्रसिद्ध विशेषज्ञों के इतने समृद्ध ज्ञान और अनुभव तक पहुंच होगी। क्रिमसन से जुड़ने के बाद कान्फ्लुएंस देश का राष्ट्रीय ब्रांड बनेगा। पुनीत छाबड़ा ने कहा कि अब समय आ रहा है कि आॅनलाईन और आॅफलाईन दोनों को साथ लेकर चलना होगा। कोविड ने न सिर्फ लोगों की जिंदगी को बदला है बल्कि शिक्षा के क्षेत्र को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। वर्तमान में हाईब्रिड माॅडल आॅफ एजुकेशन की जरूरत है जिसे क्रिमसन के साथ मिलकर पूरा किया जा रहा है। क्रिमसन के साथ मिलकर कान्फ्लूएंस स्कूल को शिक्षा के क्षेत्र में उंचाईयों तक ले जाया जायेगा। क्रिमसन के साथ जुड़ने के बाद अब कान्फ्लूएंस में शिक्षा ग्रहण कर रहे देश और विदेश के बच्चों के साथ आॅनलाइन जुड़कर अनुभवों का आदान प्रदान करेंगे। छाबड़ा ने कहा कि क्रिमसन के साथ काॅनफ्लूएंस का अनुबंध शहर के लिए एक तोहफा है। शिक्षा के क्षेत्र में दस वर्ष सफलता पूर्वक पूरे करने के बाद अब कान्फ्लूएंस स्कूल नया बदलाव लेकर सामने आया है। पत्रकार वार्ता में क्रिमसन एजुकेशन के एमडी फ्रांसिस जोसेफ ने कहा कि वे रुद्रपुर में एक विश्व स्तरीय स्कूल बनाने के लिए कान्फ्लुएंस की टीम के साथ जुड़कर बेहद खुश हैं। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि विभिन्न शिक्षा बोर्डों के साथ अपने काम के दौरान हमने देखा है कि अधिकांश स्कूल वही करते हैं जो बोर्ड निर्धारित करता है। वे उत्तम दर्जे का बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हैं, लेकिन स्कूल का मूल उद्देश्य इससे बहुत आगे है। ऐसे वातानुकूलित स्कूल भवन का क्या फायदा, यदि छात्र प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश ही न ले सके। कहा कि स्कूल में छात्र का समग्र विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को उनकी उच्च शिक्षा और कॅरियर के लक्ष्यों के लिए तैयार करना चाहते हैं और इसी दिशा में काम कर रहे है। उन्होंने बताया कि उनकी टीम में सीबीएसई शासी परिषद के सदस्य डाॅक्टर अशोक पांडेय जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समेत कई पुरस्कार मिले हैं शामिल हैं। जोसेफ ने बताया कि वह खुद 125 स्कूलों को स्थापित और प्रबंधित कर चुके हैं। वे कैम्ब्रिज दक्षिण एशिया के प्रतिष्ठित सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं। इसके अलावा सरकारों और शिक्षा बोर्डों के लिए नीतियों के क्रियान्वयन में शामिल रहे हैं। उन्होनंे बताया कि क्रिमसन से जुड़ी फरजाना दोहदवाला 18 वर्षों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के पूर्व दक्षिण एशिया प्रतिनिधि रही हैं। वह अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय शिक्षण और सीखने की रणनीतियों में पाठड्ढक्रम विशेषज्ञ और अर्ली चाइल्ड हुड एसोसिएशन की उपाध्यक्ष हैं। जीवीके प्रसाद स्कूल गुणवत्ता प्रत्यायन, प्रशिक्षण और विकास में विशेषज्ञ हैं। उन्हे दुबई स्कूल इंस्पेक्शन ब्यूरो, यूएई, टाटा ट्रस्ट्स, टेक महिन्द्रा और शिक्षा के क्षेत्र में कई अन्य कंपनियों के साथ काम करने का अनुभव है। इसके अतिरिक्त हुसैन दोहदवाला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पाठड्ढक्रम विशेषज्ञ है। वे एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए आईबी एजुकेटर नेटवर्क का हिस्सा हैं। वे स्कूल निरीक्षण यात्राओं और शिक्षक प्रशिक्षण में विशेषज्ञ हैं। इस दौरान क्रिमसन एजुकेशन टीम के हुसैन दोहदवाला ने कहा कि क्रिमसन की शुरूआत दो साल पहले हुई थी। क्रिमसन ने न सिर्फ स्कूल को बल्कि बोर्ड को भी चलाया है। क्रिमसन नई शिक्षा पाॅलिसी के तहत काम कर रहा हैं। मुम्बई पुणे और दक्षिण भारत में क्रिमसन की बड़ी स्कूल चेन है। यहां पर क्रिमसन ने बेहतर परिणाम दिये हैं। क्रिमसन के डा. अशोक पाण्डे ने कहा कि आज बदलते हुए माहौल में स्कूलों को अपग्रेड करने की आवश्यकता है। जो स्कूल खुद को अपग्रेड नहीं करेंगे वो शिक्षा के क्षेत्र में पीछे रह जायेंगे। उन्होनंे कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के अनुसार अब स्कूलों को परिवर्तन करने होंगे। इसकी तैयारी क्रिमसन बहुत पहले कर चुका है। उन्होंने कहा क्रिमसन बच्चों के सर्वांगीण विकास और एकेडमिक स्किल्स पर विशेष ध्यान देता है। अब समय आ गया है कि बच्चे का क्लास रूम का अनुभव बदलना चाहिए। हर बच्चे की आवश्यकता अलग है उसके अनुरूप ही उसे शिक्षा दी जानी चाहिए। पाण्डे ने कहा हमारा प्रयास है कि बच्चा माता पिता की आकांक्षाओं को पूरा करे। आज यह भी महत्वपूर्ण हो गया है कि 12वीं के बाद बच्चा क्या करेगा उसे इसके लिए जरूरी गाईडेंस और कैरियर काउसंसलिग जरूरी है क्रिमसन इसके लिए बच्चों को विशेष रूप से मार्गदर्शन देगा। पाण्डे ने कहा कि बच्चे देश ही नहीं बल्कि विश्व की धरोहर है। उन्हें सही दिशा देने के लिए सबसे पहले शिक्षकों को तैयार करना होगा। श्री पाण्डे ने कहा कि क्रिमसन और कान्फ्लूएंस के बीच किया गया अनुबंध सबके विश्वास पर खरा उतरेगा। इस दौरान फरजाना दोहदवाला ने कहा कि क्रिमसन और कान्फ्लूएस के बीच अनुबंध के बेहतर परिणाम साने आयेंगे। उन्होंने कहा कि आज बच्चों को तैयार करने से पहले शिक्षा को नई शिक्षा प्रणाली के लिए तैयार करना जरूरी है। क्रिमसन इसके लिए अभिभाकों के साथ साथ बच्चों की भी वर्कशाॅप आयोजित करेगा। इस अवसर पर कान्फ्लूएंस की प्रिंसीपल मीनाक्षी खेत्रपाल भी मौजूद थी।
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