अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से पता चला है कि पाश इलाकों में रहने वाले लोग ही साफ सफाई और जलभराव को लेकर सबसे अधिक लापरवाही बरत रहे हैं। पक्षियों को पानी पिलाने के लिए घर के बाहर एवं छतों पर रखे जाने बर्तन में सबसे अधिक डेंगू का लार्वा मिल रहा है। कूलर और एसी में भी लार्वा मिल रहा है। मलिन बस्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के केस बहुत कम मिल रहे हैं।
शहर की पाश कालोनियों में डेंगू का कहर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। इनमें इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा, कौशांबी, राजनगर एक्सटेंशन, कविनगर, शास्त्रीनगर, गोविदपुरम मुख्य रूप से शामिल हैं।
डीएम राकेश कुमार सिंह ने सोमवार को बैठक के बाद 18 अक्टूबर से 17 नवंबर तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के साथ ही 11 अक्टूबर तक माइक्रोप्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। अब जिले के सभी सरकारी विभाग संयुक्त रूप से मिलकर डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए कार्य करेंगे।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने निर्देश जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। सीएमओ का मानना है कि बीस नवंबर तक डेंगू से बचाव के लिए बेहत सतर्कता एवं सावधानी बरतनी होगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भावतोष शंखधर का कहना है कि बीस नवंबर तक नागरिकों को सावधानी बरतनी होगी। मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए सतर्कता और सावधानी ही बेहतर उपाय है। घर में साफ पानी जमा न होने दें। सुबह-शाम मच्छरों से बचाव के लिए मच्छर मारने वाली दवाओं का छिड़काव जरूर करें। अब तक 393 केस मिले हैं। इनमें 25 बाहरी जिलों के मरीज शामिल हैं।
सोमवार को एक बच्चे और पांच महिलाओं समेत डेंगू के 12 नए मरीज मिले हैं। इनमें चार मरीज मुरादनगर में मिले हैं। गांव डिडौली में तीन और कन्नौजा गांव में एक मरीज मिला है। दो मरीज नीतिखंड़ इंदिरापुरम में मिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार गोविदपुरम में अब तक पचास से अधिक मरीज मिल चुके हैं। मलेरिया विभाग की टीम को लोनी, राजनगर एक्सटेंशन, नेहरूनगर, गोविदपुरम, विजयनगर, नंदग्राम और इंदिरापुरम में 45 जगहों पर डेंगू का लार्वा मिला है। सभी को नोटिस दिए गए हैं।
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