सत्येंद्र पावंर
मेरठ। मेरठ पुलिस ने समाजवादी पार्टी के 18 कार्यकर्ताओं पर हत्या के प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। इनमें अधिकांश छात्र हैं और 16 सपा कार्यकर्ताओं जेल भेज दिया है। इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला जलाने से रोकने पर एक पुलिसकर्मी पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया।
पुलिस ने आइपीसी की 307 (हत्या का प्रयास) के अलावा, निषेधाज्ञा के बावजूद दंगा और गैरकानूनी सभा सहित 15 अन्य धाराओं के तहत सपा कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह ने इस मामले में जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर कहा है कि गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ता निर्दोष युवा हैं जो केवल विरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे थे।
BJP की नेशनल एग्जीक्यूटिव से बेटे और खुद को हटाए जानें पर मेनका गांधी ने दी प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा। मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी ने के मुताबिक जिन सपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई हुई है उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल फेंका था.।एसएसपी ने कहा, ''पेट्रोल फेंके जाने से लगी आग में एक पुलिसकर्मी झुलस गया। मुकदमा 4 अक्टूबर को दर्ज किया गया था। इसी दिन सपा ने लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया था।
सपा कार्यकर्ताओं ने की पुलिस वालों से लड़ाई
एसएसपी के मुताबिक विरोध प्रदर्शन के दौरान 200 सपा कार्यकर्ता कमिश्नर अधिकारी के पास मौजूद थे। लेकिन सिर्फ 18 पर मामला दर्ज किया गया है। क्योंकि उन्होंने ड्यूटी के दौरान एक पुलिसकर्मी को चोट पहुंचाई। उनकी अपनी पार्टी के कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं। हमारे एक कांस्टेबल को चोटें आईं और उसकी यूनीफॉर्म जल गई।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों के साथ लड़ाई शुरू कर दी, जो उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है, क्योंकि जिले में सीआरपीसी की धारा 144 लागू थी। वहीं समाजवादी पार्टी के मेरठ जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह का कहना है कि कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला बदला लेने के लिए दर्ज किया गया है।
सपा जिलाध्यक्ष ने बताया बदले की कार्रवाई
पुलिस के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा, ''सरकार का विरोध करना कबसे अपराध बन गया है। हमारे कार्यकर्ताओं पर हत्या के प्रयास के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। वह पुलिसकर्मी कहां है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि उसे चोट लगी है। आपको लगता है कि जला हुआ कोई व्यक्ति पांच दिनों में ठीक हो सकता है। बिना किसी निशान के। सरकार अन्य राजनीतिक दलों को धमकाने के लिए पुलिस और नौकरशाही का इस्तेमाल कर रही है।
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