1 दिन में कोरोना के 12,428 नए मामलें मिलें
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 12,428 नए मामले सामने आए। जो पिछले 238 दिन में सबसे कम दैनिक मामले हैं। वहीं, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या घट कर 1,63,816 हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की संख्या बढ़कर 3,42,02,202 हो गई है तथा संक्रमण से 356 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,55,068 हो गई। देश में लगातार 31 दिनों से कोविड-19 के दैनिक मामले 30 हजार से कम हैं और 120 दिन से 50 हजार से कम नए दैनिक मामले सामने आ रहे हैं।
मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घट कर 1,63,816 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.49 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। आंकड़ों के अनुसार, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.18 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 3,879 की कमी दर्ज की गई।
इसके अलावा, देश में सोमवार को कोविड-19 का पता लगाने के लिए 11,31,826 नमूनों की जांच की गई। देश में अब तक 60,19,01,543 नमूनों की जांच की जा चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि देश में दैनिक संक्रमण दर 1.10 प्रतिशत और साप्ताहिक संक्रमण दर 1.24 प्रतिशत है। अभी तक कुल 3,35,83,318 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 102.94 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
तीसरी मंजिल पर लगी आग, 4 सदस्यों की मौंत
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के ओल्ड सीमापुरी इलाके में एक इमारत की तीसरी मंजिल पर आग लगने के बाद मंगलवार को एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना तब हुई जब ये लोग सो रहे थे। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान होरीलाल (59), उसकी पत्नी रीना (55), बेटा आशु (24) और बेटी रोहिणी (18) के रूप में हुई है। परिवार के सदस्य मकान की तीसरी मंजिल पर सो रहे थे जबकि उनका 22 वर्षीय बेटा अक्षय बाल-बाल बच गया क्योंकि वह दूसरी मंजिल पर सो रहा था। दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि आग लगने के बारे में तड़के करीब चार बजे सूचना मिली और दमकल की चार गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि मकान की तीसरी मंजिल पर बने एक कमरे में रखे सामान में आग लग गई जिसके बाद चार लोगों की मौत हो गई। ये लोग घटनास्थल पर मृत पाए गए। इस इमारत में भूतल समेत तीन मंजिल हैं और यह करीब 25 वर्ग गज के क्षेत्र में बनी है।
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) आर सत्यसुंदरम ने बताया कि हमारा पुलिस दल और दिल्ली दमकल सेवा के कर्मी तुरंत घटनास्थल पहुंचे और आग पर काबू पाया गया। अपराध दल, फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने बताया कि आग इमारत की तीसरी मंजिल में लगी और फिर फैल गई होगी। परिवार के इन सदस्यों की मौत फेफड़ों में धुआं भर जाने के कारण हुई होगी लेकिन केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही मौत की असली वजह का पता चल पाएगा।
पुलिस ने बताया कि परिवार में बचा एकमात्र सदस्य अक्षय सफियाबाद में मजदूरी करता है। वह काम के बाद देर रात करीब दो बजे घर आया था। वह खाना लेने तीसरी मंजिल पर गया और बाद में दूसरी मंजिल पर आकर सो गया। वह बच गया क्योंकि आग तीसरी मंजिल से फैली नहीं। उन्होंने बताया कि होरीलाल शास्त्री भवन, दिल्ली में सहायक के तौर पर काम करता है और उसे मार्च 2022 में सेवानिवृत्त होना था। उसकी पत्नी नगर निगम में सफाईकर्मी के तौर पर काम करती थी। उसकी बेटी एक सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी जबकि बेटा बेरोजगार था। डीसीपी ने बताया कि सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए गुरु तेग बहादुर अस्पताल ले जाया गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 436 (मकान को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करना) और 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।
दोगुने से बढ़कर 1,332.61 करोड़ हुआ लाभ
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक ने मंगलवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के दौरान उसका शुद्ध लाभ दोगुने से अधिक बढ़कर 1,332.61 करोड़ रुपये हो गया। बैंक ने पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 444.41 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। केनरा बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि उसकी कुल आय 2021-22 की जुलाई-सितंबर तिमाही में बढ़कर 21,331.49 करोड़ रुपये हो गई, जो 2020-21 की इसी अवधि में 20,793.92 करोड़ रुपए थी। बैंक की सकल गैर-निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) सितंबर 2021 के अंत में 8.42 प्रतिशत थी, जबकि यह आंकड़ा सितंबर 2021 के अंत में 8.23 प्रतिशत था। हालांकि इसमें जून 2021 तिमाही के 8.50 प्रतिशत के मुकाबले गिरावट हुई है। समीक्षाधीन अवधि में शुद्ध एनपीए 3.21 प्रतिशत था, जो इससे एक साल पहले 3.42 प्रतिशत था।
बाजार से कम रेट में सोना खरीदने का ऑफर
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरकारी स्वर्ण बांड तहत बाजार से कम रेट में सोना खरीदने का ऑफर खुला हुआ है। फाइनेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक सरकारी स्वर्ण बांड 2021-22 की किस्त 25 अक्टूबर को खुल गई है। यह 29 अक्टूबर तक रहेगी। स्वर्ण बांड की 2021-22 श्रृंखला के तहत अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के बीच चार चरणों में बांड जारी किए जाएंगे। इस श्रृंखला के तहत मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह चरण में बांड जारी किए गए थे। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2021-22 सीरीज-8 की सदस्यता अवधि 25 से 29 अक्टूबर है और बांड दो नवंबर को जारी होंगे। ये बांड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएस), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया और और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के माध्यम से बेचे जाएंगे। बांड भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाएंगे। इसके लिए सोने का भाव सदस्यता अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन कार्य दिवसों के लिए भारतीय सर्राफा एवं आभूषण संघ लिमिटेड द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के औसत के बराबर होगा। बांड की अवधि 8 वर्ष के लिए होगी और 5वें वर्ष के बाद बाहर निकलने का विकल्प भी होगा। मंत्रालय ने कहा कि निवेशकों को ऑनलाइन आवेदन और डिजिटल तरीके से भुगतान करने पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दी जाएगी और इस योजना में निवेश करने पर ब्याज के रूप में अतिरिक्त प्रतिफल भी मिलेगा। योजना में न्यूनतम एक ग्राम सोने का निवेश किया जा सकता है।
एससी ने फिर यूपी सरकार को फटकार लगाई
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर यूपी सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि घटनास्थल पर हजारों की भीड़ थी फिर भी अब तक 23 ही चश्मदीद गवाह क्यों मिले हैं। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को घटना के गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया और यह भी निर्देश दिया कि गवाहों के बयान तेजी से दर्ज किए जाएं। सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई की। अब इस मामले की सुनवाई 8 नवंबर को होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 68 गवाहों में से 30 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और 23 लोगों ने घटना के चश्मदीद होने का दावा किया है। इस पर सीजेआई ने कहा कि वहां पर बड़े पैमाने पर किसानों की रैली चल रही थी, सैकड़ों किसान मौजूद थे, तो क्या केवल 23 चश्मदीद मिले? इसके बाद साल्वे ने बताया कि लोगों ने कार और कार के अंदर मौजूद लोगों को देखा है।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घटनास्थल पर 4000-5000 लोगों की भीड़ थी, जो सभी स्थानीय लोग हैं और यहां तक कि घटना के बाद भी अधिकांश आंदोलन कर रहे हैं। कोर्ट को यही बताया गया है। फिर इन लोगों की पहचान में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। वहीं, हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अब तक जितने गवाहों के बयान दर्ज हैं, उनके बयान यूपी सरकार सीलबंद लिफाफे में दे सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से मामले से जुड़े गवाहों के बयान दर्ज करने और जिला न्यायाधीश से न्यायिक मजिस्ट्रेटों की सेवाएं लेने को कहा। साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की रिपोर्ट तैयार करने को लेकर उसकी चिंताओं से फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं को अवगत कराने और इसमें तेजी लाने को कहा ।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में भी गवाहों के बयान दर्ज करने में हो रही देरी को लेकर यूपी सरकार को फटकार लगाई थी। यूपी सरकार की ओर से गवाहों के बयान जारी करने के लिए वक्त मांगे जाने के बाद कोर्ट ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई आज यानी 26 अक्टूबर को करने का फैसला लिया था। बता देंकि इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 10 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। दो वकीलों की ओर से इस मामले में याचिका दायर कर हाई लेवल इन्क्वायरी की मांग किए जाने पर अदालत ने सुनवाई शुरू की थी।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर को आंदोलनकारी किसानों की एक एसयूवी से कुचलकर मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में 4 और लोगों की मौत हो गई थी। इनमें एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप और भाजपा के तीन कार्यकर्ता शामिल थे। इस मामले ने इतना राजनीतिक तूल पकड़ा कि कई दिनों तक राज्य सरकार ने नेताओं की लखीमपुर खीरी में एंट्री पर ही रोक लगा दी थी। हालांकि बाद में अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी समेत कई नेता पीड़ित किसानों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंचे थे।
पूर्वांचल सपना पूरा करने में बड़ा सिद्ध होगा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में पूर्वांचल, उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं के मुख्य केन्द्र के रूप में मेडिकल हब बनेगा। जो स्वस्थ और निरोग भारत का सपना पूरा करने में एक बड़ा कदम साबित होगा।
मोदी सोमवार को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर सहित नौ जिलों में ‘एक जिला एक मेडिकल कॉलेज’ की संकल्पना के आधार पर नवनिर्मित मेडिकल कॉलेजों का यहां वर्चुअल उद्घाटन करने के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये यह बात कही। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले और बाद में भी देश के नागरिकों को मूलभूत चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध नहीं थी। उन्होंने कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र में सरकार बनने के बाद हमने राजनीतिक इच्छाशक्ति के बलबूते प्राथमिकता के आधार पर गरीबों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की व्यवस्था की है।
29 नवंबर से संसद सत्र शुरु होने की संभावना
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक जारी रह सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक शीतकालीन सत्र की शुरुआत अगले महीने के अंत यानी 29 नवंबर से होने की संभावना है। इस सत्र में सरकार कई अहम विधेयक लाने की तैयारी में है।
इस सत्र में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वित्तीय क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक ला सकती है, जिनकी घोषणा सरकार ने बजट में की थी। इनमें से एक विधेयक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को सुगमता से पूरा करने से संबंधित है। इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास (एनपीएस) को पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से अलग करने के लिए पीएफआरडीए, अधिनियम, 2013 में संशोधन का विधेयक लाने की तैयारी है। इससे पेंशन का दायरा व्यापक हो सकेगा।
इस्पात मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने आज सुबह डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इसमें भारत और विदेशों से कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। मूल्य संवर्धित इस्पात (स्पेशियलिटी स्टील) पर उत्पादन युक्त प्रोत्साहन योजना (प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेन्टिव – पीएलआई) विषय पर यह संगोष्ठी दिन भर चली।
इस अवसर पर अपने उद्घाटन भाषण में श्री सिंह ने माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने स्टील क्षेत्र के लिए इस योजना की अनुमति दी और आत्मनिर्भर भारत में योगदान के लिए स्टील सेक्टर को अवसर दिया। श्री सिंह ने कहा कि इसी आत्मनिर्भर सोच के फलस्वरूप, यह हम सब भारतीयों के लिए गर्व का विषय है कि भारत ने 100 करोड़ टीकाकरण पूरे कर लिए हैं और भारत सम्पूर्ण विश्व के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। माननीय मंत्रीजी ने स्टील तकनीक के क्षेत्र में अनुसंधान के महत्त्व पर बल दिया और इसे अतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात कही। उन्होंने स्टील सेक्टर में कोयले के उपयोग और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी के बीच समन्वय लाने पर जोर दिया और हाइड्रोजन मिशन का उदाहरण दिया। श्री सिंह ने कहा कि सरकार खुले मन से सभी हितधारकों के विचार सुनने और अमल में लाने के लिए कटिबद्ध है। योजना का लक्ष्य है आयात पर निर्भरता कम करना और इसके लिए सभी को मिल कर काम करना होगा। हमारे मानव संसाधन दुनिया में सर्वोत्तम है, हमें उच्च तकनीक का समावेश कर आगे बढ़ना है। इस्पात मंत्री ने इच्छुक निवेशकों को समय सीमा के अनुसार यथाशीघ्र काम करने के लिए आह्वान किया। स्टील उत्पादन, गुणवत्ता और निर्यात में वृद्धि के लिए योजना की संभावनाएं अपार हैं। श्री सिंह ने योजना के माध्यम से चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए सबसे कहा और मंत्रालय की ओर से सब प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया।संगोष्ठी में इस्पात राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, इस्पात मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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