अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। शरद पवार ने पिछले दिनों ठीक ही कहा था कि कांग्रेस पुराने जमींदारों की तरह सोच रही है। अब तक माना जा रहा था कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस है और भाजपा का मुकाबला उसी के नेतृत्व में किया जा सकता है। लेकिन यह सच्चाई नहीं रह गयी है। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल कांग्रेस के प्रबल प्रतिद्वन्द्वी बनकर सामने आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी भी नई ताकत बनकर उभरी हैं। लेकिन उनका प्रभाव सिर्फ पश्चिम बंगाल तक ही सीमित है। लेकिन अरविन्द केजरीवाल कई राज्यों में प्रभाव बना रहे हैं। पंजाब में तो उनकी पार्टी मुख्य विपक्षी दल का दर्जा हासिल ही कर चुकी है। इस बार गोवा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी कड़ा मुकाबला करेगी और कांग्रेस तब निश्चित रूप से उसके पीछे खड़ी नजर आएगी।
आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 21 सितम्बर को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गोवा में नौकरियों और बेरोजगारी के बारे में सात घोषणाएं कीं। केजरीवाल ने वादा किया कि अगर आप सत्ता में आती है तो वह भ्रष्टाचार को रोकेगी। साथ ही वह राज्य के युवाओं की सरकारी नौकरियों में पहुंच सुनिश्चित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हर घर से एक बेरोजगार व्यक्ति को नौकरी मिलेगी और काम की तलाश में बेरोजगार लोगों को 3,000 रुपये का भत्ता मिलेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि राज्य में 80 प्रतिशत नौकरियां गोवा के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होंगी। आम आदमी पार्टी के एक ट्वीट के अनुसार गोवा के लिए पार्टी ने ऐलान किया है कि पर्यटन के क्षेत्र में कोविड के चलते जो लोग बेरोजगार हो गए हैं उन्हें प्रतिमाह 5,000 रुपये, खदान का काम रुकने से प्रभावित हुए लोगों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह देगी। साथ ही ऐलान किया गया है कि अगर सरकार आई तो आप स्किल यूनिवर्सिटी शुरू करेगी। इससे पहले केजरीवाल ने दावा किया था कि गोवा में युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है और वह स्थानीय लोगों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए राज्य का दौरा करेंगे। आप नेता ने यह भी दावा किया था कि सरकारी नौकरियां केवल पैसे वालों को और संपर्कों के आधार पर ही मिलती हैं। केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘बेरोजगारी चरम पर होने के कारण गोवा के युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है। सरकारी नौकरी सिर्फ पैसे वालों को और संपर्कों के आधार मिलती है।’ इस महीने की शुरुआत में, आप ने गोवा में बेरोजगारी की समस्या के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था और लोगों से उन पार्टियों को वोट नहीं देने को कहा था, जो उन्हें नौकरी देने में विफल रही हैं। गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में आप अपने उम्मीदवार उतारेगी।
इसी प्रकार पंजाब में आम आदमी पार्टी एक बार फिर पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है। 2017 के चुनावों में खराब प्रदर्शन के बावजूद पार्टी एक बार फिर गोवा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में लड़ने की तैयारी में है। इन सभी राज्यों में 2022 में वोटिंग होगी। केजरीवाल ने गुजरात में भी पैर जमा लिया है, ये एक और राज्य है, जहां आने वाले दिनों में चुनाव होंगे। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए अपने एजेंडे का ऐलान करके अरविंद केजरीवाल ने बता दिया है कि वे दोनों राज्यों की सियासत को लेकर गंभीर हैं। पार्टी ने दोनों राज्यों के लिए लोकलुभावन वादे किए हैं। रोजगार की कमी वाले पहाड़ी राज्य के लिए केजरीवाल ने ‘हर घर रोजगार’ कार्यक्रम, बेरोजगार युवाओं के लिए 5,000 रुपये मासिक भत्ता, छह महीने की अवधि में 10,000 सरकारी नौकरियों का सृजन, उत्तराखंड के निवासियों के लिए सरकारी नौकरियों 80 फीसदी आरक्षण का वादे के साथ प्रवासी मंत्रालय के गठन का ऐलान किया है। केजरीवाल ने हिंदुत्व में आस्था जताई है। ये सफतौर पर दिखता है, उन्होंने उत्तराखंड को अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने का वादा भी किया है। लोकलुभावन वादा? कम से कम ये वोटरों तक पहुंचने का एक तरीका तो है। उत्तर प्रदेश के लिए आम आदमी पार्टी ने किसानों के लिए मुफ्त बिजली के साथ अन्य के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली और बकाये बिल को अलग करने का ऐलान किया है।
केजरीवाल की सरकार अपने ऊपर लगे आरोपों से भी मुक्त होना चाहती है। दिल्ली में प्रदूषण का आरोप उनकी सरकार पर लगता है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार 24 सितंबर से पूसा बायो-डीकंपोजर तैयार करना शुरू करेगी और यह पांच अक्टूबर तक धान के खेतों में इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगा। राय ने यह भी कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने राजधानी के आसपास के राज्यों में पूसा बायो-डीकंपोजर के उपयोग और प्रदूषण से संबंधित अन्य मुद्दों पर मुलाकात के लिए उन्हें अब तक समय नहीं दिया है। बता दें कि बायो-डीकंपोजर एक घोल है जो पराली को खाद बना सकता है। राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम 24 सितंबर से पूसा बायो डीकंपोजर तैयार करना शुरू करेंगे और यह पांच अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा। हमने इस साल प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है, ताकि किसानों को अगली फसल के लिए अपने खेतों को तैयार करने के वास्ते अधिक समय मिल सके।” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खड़खड़ी नहर में तैयारियां शुरू करेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) और कृषि विभाग के वैज्ञानिकों की एक टीम इस प्रक्रिया की निगरानी करेगी। राय के मुताबिक, पिछले साल के विपरीत, इस बार घोल का उपयोग बासमती चावल के खेतों में भी फसल के ठूंठ को खाद में तब्दील करने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा, “किसानों ने हमें बताया कि धान की फसल काटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कंबाइन हार्वेस्टर से बड़ी मात्रा में ठूंठ रह जाता है। इसलिए इस बार जहां भी जरूरत होगी घोल का छिड़काव किया जाएगा।” इस घोल का इस्तेमाल कम से कम 4,000 एकड़ में किया जाएगा, जिस पर सरकार को 50 लाख रुपये खर्च आएगा। मंत्री ने कहा, “हमने उन किसानों का पंजीकरण करने के लिए 25 सदस्यीय टीम का गठन किया है जो अपने खेतों में घोल का छिड़काव करना चाहते हैं।” दिल्ली सरकार ने हाल ही में केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को बायो-डीकंपोजर पर एक ऑडिट रिपोर्ट सौंपी है और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से दिल्ली के आसपास के राज्यों में इसके उपयोग और प्रदूषण से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात का समय मांगा है। राय ने कहा, “हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमें अब तक समय नहीं मिला है। अगर (केंद्र) सरकार ने त्वरित कार्रवाई नहीं की तो अन्य राज्यों में पूसा बायोडीकंपोजर के उपयोग की तैयारी समय पर पूरा करना बहुत मुश्किल होगा।”
देश के कई राज्यों में अगले साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटी हुई है। आम आदी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इन राज्यों में न केवल बेरोजगारी के मुद्दों पर युवाओं पर खास फोकस बनाए हुए है। बल्कि बिजली और पानी जैसे मुद्दों को भी दिल्ली की तर्ज पर दूसरे राज्यों में भुनाने की कोशिश में जुटी हुई है। उत्तराखंड के बाद अब पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गोवा में युवाओं के साथ संवाद स्थापित करेंगे। पार्टी इस बार इन राज्यों में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए कोर कसर छोड़ने के मूड़ में नहीं है। गोवा में अरविंद केजरीवाल युवाओं के साथ बेरोजगारी के मुद्दे पर संवाद कर चुके हैं। सीएम केजरीवाल की ओर से ट्वीट कर जानकारी दी गई कि बेरोजगारी चरम पर होने के कारण गोवा के युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है। सरकारी नौकरी सिर्फ पैसे और कनेक्शन वाले लोगों को ही मिलती है। इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल जुलाई माह में गोवा का दौरा कर चुके हैं। वहीं गत दिनों दिल्ली के ऊर्जा मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन ने भी गोवा का दौरा किया था और केजरीवाल गवर्नेंस मॉडल पर एक टीवी डिबेट में खुलकर चर्चा की थी। साथ ही सत्ता रूढ़ गोवा सरकार में ऊर्जा मंत्री को खुली चुनौती भी दी थी कि अगर हम सत्ता में आते हैं तो यहां की जनता को दिल्ली की तर्ज पर 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देंगे। वहीं, दिल्ली सीएम केजरीवाल गोवा में रही कांग्रेस व भाजपा सरकारों पर भी कड़ा प्रहार करते हुए कह चुके हैं कि गोवा के लोगों ने पिछले चुनावों में कांग्रेस का चयन किया था लेकिन सरकार भाजपा ने बनाई क्योंकि कांग्रेंस के विधायक भाजपा में शामिल हो गए। ये गोवा के लोगों के साथ धोखा है। इस प्रकार अरविन्द केजरीवाल भाजपा का विकल्प बनने की तरफ बढ़ रहे हैं।
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