अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। एक महीने के भीतर हुए दो हादसों ने बहुप्रचारित डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की गुणवत्ता, तकनीक व सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी के साथ यह प्रश्न भी किया जाने लगा है कि इस संगठन को रेलवे से अलग रखा जाना कहां तक उचित है। पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के भाऊपुर-खुर्जा सेक्शन को चालू हुए अभी एक साल भी नहीं हुए हैं। लेकिन इतनी कम अवधि में ही इस पर दो दुर्घटनाएं एक महीने के भीतर हो गई हैं। पहला हादसा पिछले महीने 30 अगस्त को हुआ था। जबकि दूसरा अभी सोमवार 20 सितंबर को हुआ है। पहले हादसे में मालगाड़ी के डिब्बे पलटने से केवल माल व रेल संपत्तियों का नुकसान हुआ था।
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