कविता गर्ग
मुंबई। आरएसएस की तुलना तालिबान से किए जाने को लेकर शिवसेना ने जावेद अख्तर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गाहे-बगाहे आमतौर पर भाजपा का विरोध करने वाली शिवसेना का जावेद अख्तर के बयान के मुद्दे पर भाजपा को साथ मिला है। जिसने जावेद अख्तर से अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगने की मांग की है। शिवसेना ने आरएसएस और वीएचपी की तुलना तालिबान से किए जाने को लेकर जावेद अख्तर के बयान को हिंदू संस्कृति का अपमान करार दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे लेख में कहा है कि आजकल कुछ लोग फैशन के तौर पर तालिबान की किसी से भी तुलना करने में लगे हुए हैं। जबकि सभी लोग जानते है कि तालिबान समाज और मानवता के लिए एक बड़ा संकट है। जिसका चीन और पाकिस्तान जैसे देश समर्थन कर रहे हैं जिसे किसी भी तरह से लोकतांत्रिक नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि खुद इन देशों में मानवाधिकार के लिए कोई जगह नहीं है। शिवसेना ने कहा है कि हम एक लोकतांत्रिक देश है, जहां लोगों की व्यक्तिगत आजादी का सम्मान बढ़ चढ़कर किया जाता है। ऐसे हालातों में आरएसएस और वीएचपी की तुलना तालिबान से करना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। भारत हर तरह से विश्व के अन्य देशों के मुकाबले पूरी तरह से सहिष्णु हैं।
उल्लेखनीय है कि इसी शुक्रवार को एनडीटीवी से बातचीत करने के दौरान जावेद अख्तर ने आरएसएस और वीएचपी की तुलना तालिबान से कर दी थी। जावेद अख्तर ने कहा था कि जैसे तालिबान इस्लामिक स्टेट बनाना चाहता है वैसे ही भारत में भी कुछ लोग हैं जो हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। इन लोगों की मानसिकता एक ही है, भले ही यह लोग हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, यहूदी हो। तालिबान जो भी कर रहा है वह बर्बर है। लेकिन आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करने वाले लोग भी वैसे ही हैं।
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