अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में रोजाना बढ़ रहे डीजल, पेट्रोल व रसोई गैस के दामों के साथ-साथ आवश्यक खाद्य वस्तुओं के दामों ने लोगों के पसीने छुड़ा रखे हैं। राहत मिलने की उम्मीद में किसी तरह से जीवन की पटरी पर गाड़ी को दौड़ा रहे लोगों को अब किसी भी क्षेत्र में राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। क्योंकि अब देश में सीमेंट की कीमतों में उछाल आने की संभावना है। अनुमान के पीछे कारण है कि मॉनसून सीजन खत्म होने के बाद मांग में तेजी आएगी। बाजार के जानकारों का कहना है कि अभी से देश के कुछ हिस्सों में सीमेंट की मांग में तेजी आनी शुरू भी हो गई है।
दरअसल सीमेंट की कीमतों में आखिरी तेजी जून 2021 में आई थी। उसके बाद जुलाई और अगस्त माह में सीमेंट की मांग गिर गई। इसकी प्रमुख वजह, मॉनसून था। इसके अलावा बढ़ता कॉम्पिटीशन भी कीमतों में कमी की एक वजह है।अगस्त में सीमेंट प्राइस लगभग 3 फीसदी गिरकर 328 रुपये प्रति 50 किलो पर आ गया। ईस्टर्न रीजन में कीमत 6 फीसदी गिरी थी।लेकिन अब सीमेंट कंपनियों को उम्मीद है कि मॉनसून सीजन खत्म होने के बाद अक्टूबर से सीमेंट की डिमांड में वृद्धि होगी, इसका असर कीमतों में इजाफे के रूप में सामने आएगा। देश के दक्षिणी हिस्से में मांग में तेजी आनी शुरू भी हो चुकी है।सीमेंट की डिमांड बढ़ने की एक वजह यह भी है कि केन्द्र सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स पर खर्च बढ़ा रही है। इसके अलावा राज्य सरकारें भी हाउसिंग, रोड आदि प्रॉजेक्ट्स पर खर्च कर रही हैं।
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