अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि ट्वीटर ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का अनुपालन करते हुए मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ), निवासी शिकायत अधिकारी (आरजीओ) और नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति कर दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक संक्षिप्त हलफनामे में कहा कि ट्वीटर ने कहा है कि इन कर्मियों (सीसीओ, नोडल संपर्क अधिकारी और आरजीओ) की नियुक्ति कंपनी के कर्मचारियों के तौर पर की गयी है न कि ‘आकस्मिक कर्मचारी’ के तौर पर।
मंत्रालय ने कहा, ”ट्वीटर ने उक्त नियुक्त किए गए कर्मियों और उनके पदों के नाम उपलब्ध कराए हैं। ट्वीटर के हलफनामे में कहा गया है कि इनकी नौकरी चार अगस्त 2021 को शुरू हुई। ट्वीटर ने ऐसी नियुक्तियों के सबूत के तौर पर हलफनामे के साथ उनके अनुबंधों को भी संलग्न किया है।”
अदालत ने 10 अगस्त को केंद्र को ट्वीटर के हलफनामे के जवाब में एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए थे। ट्वीटर ने अपने हलफनामे में आईटी नियमों का अनुपालन दिखाया था। मंत्रालय में साइबर विधि समूह में वैज्ञानिक-ई के तौर पर काम कर रहे एन एस बालन ने हलफनामे में कहा, ”मैं स्वीकार करता हूं कि ट्वीटर ने सूचना प्रौद्योगिकी नियमों, 2021 का अनुपालन करते हुए कर्मचारियों की नियुक्ति की है।”
अमेरिका स्थित माइक्रोब्लॉगिंग साइट द्वारा आईटी नियमों का अनुपालन न किए जाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति रेखा पल्ली को पांच अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करनी है। केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि आईटी नियम, 2021 ”देश में लागू एक कानून” है और ट्वीटर को ”आईटी नियमों 2021 का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।” उसने कहा, ”अनुपालन न करना आईटी नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन है जिससे ट्वीटर को आईटी कानून, 2000 की धारा 79(1) के तहत मिली सुरक्षा खत्म हो जाएगी।”
केंद्र ने पहले अदालत में कहा था कि ट्वीट स्थायी रूप से अधिकारियों की नियुक्ति करके प्रथम दृष्टया नए आईटी नियमों का अनुपालन कर रहा है। इससे पहले ट्वीटर ने कहा था कि नियुक्त किए गए कर्मचारी पूर्णकालिक आधार पर काम करेंगे और वे कानून की शर्तों के अनुसार काम करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
अदालत ने 28 जुलाई को, ट्विटर द्वारा सीसीओ पद पर की गई नियुक्ति को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी और कहा था कि सोशल मीडिया मंच नए आईटी नियमों का अनुपालन नहीं कर रहा। केन्द्र ने भी दावा किया था कि ट्विटर ”नियमों का घोर उल्लंघन” कर रहा है। याचिकाकर्ता-वकील अमित आचार्य ने दावा किया कि उन्हें ट्वीटर द्वारा आईटी नियमों का कथित तौर पर अनुपालन नहीं करने के बारे में तब पता चला जब उन्होंने कुछ ट्वीट्स की शिकायत करने की कोशिश की।
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