रायपुर। शिक्षक दिवस के मौके पर आज शिक्षकों का सम्मान किया है। प्रदेशस्तरीय सम्मान समारोह में राज्यपाल अनुसूईया उईके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षकों का सम्मान भी किया और प्रदेश के विकास में शिक्षकों के योगदान को सराहा भी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान अपने संबोधन में शिक्षकों के समपर्ण, योगदान और कर्त्वयनिष्ठा की तारीफ भी की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोनाकाल में जिस तरह से शिक्षकों ने प्रदेश में पढ़ाई की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित रखी, वो अपने आप में मिसाल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि "प्रदेश में कोरोना काल में शिक्षकों ने जिस तरह से पढ़ाई की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करायी।
वो अपने आप में मिसाल है। शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने पढ़ाई की जो व्यवस्था तैयार की, उसका शिक्षकों बेहद ही अच्छे तरीके से निर्वहन किया, फिर वो पढ़ई तुंहर द्वार योजना हो, मोहल्ला क्लास हो या अन्य पद्धति"मुझे याद है कि मध्यप्रदेश के साथ जब छत्तीसगढ़ था, तब ही साल 1998 में आखिरी बार शिक्षकों की भर्ती की गयी थी, उसके बाद 2018 तक कोई भी भर्ती नहीं की गयी, लेकिन जब हमारी सरकार आयी तो अब 15 हजार भर्तियां की गयी। पहले शिक्षाकर्मी हुआ करते थे, ये पदनाम ऐसा था जो शिक्षको को चुभता था, कि पता नहीं वो कर्मी है कि क्या है… उसे दूर करने का काम हमारी सरकार ने किया है" मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में खोले गये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के बारे में कहा कि प्रदेश सरकार ने अब तक 172 स्कूलों का संचालन कराया है। इस स्कूल का मकसद उन बच्चों को अच्छी और गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देना है, जो गरीब है, जिनके माता पिता इंग्लिश मीडियम स्कूल में नहीं पढ़ा पाते हैं। हमने हर ब्लाक हर विकासखंड, निगम स्तर पर स्कूलों को खोलने का काम किया है।
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