कविता गर्ग
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह 13 सितंबर को इस पर फैसला करेगा कि धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जारी सम्मन के खिलाफ उनकी याचिका पर एकल पीठ सुनवाई करे या खंडपीठ।
देशमुख ने ईडी द्वारा जारी पांच सम्मन को रद्द कने का अनुरोध करते हुए पिछले हफ्ते याचिका दायर की थी। जब याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एस के शिंदे की एकल पीठ के समक्ष आयी तो ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषाार मेहता ने कहा कि इस याचिका पर दो न्यायाधीशों वाली खंडपीठ को सुनवाई करनी चाहिए।
उन्होंने इसके लिए उच्च न्यायालय के पंजी विभाग द्वारा जारी एक पत्र का भी उल्लेख किया। मेहता ने कहा, ”अगर पंजी ने आपत्ति जतायी है तो पहले यह स्पष्ट होना चाहिए कि एकल पीठ शायद याचिका में कुछ मुद्दों और चुनौतियों पर फैसला लेने के लिए सक्षम नहीं है। देशमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी और अनिकेत निकम ने इसका विरोध किया और कहा कि एकल पीठ को याचिका पर सुनवाई का अधिकार है।
न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि वह इस मामले पर विचार करेंगे और 13 सितंबर को आदेश देंगे। ईडी ने देशमुख और उनके सहायकों के खिलाफ जांच शुरू की थी। सीबीआई के भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों पर 21 अप्रैल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने यह जांच शुरू की। अपनी याचिका में देशमुख ने कहा कि ईडी की कार्रवाई ”राजनीतिक प्रतिशोध” का नतीजा है।
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