अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर तीन पत्रकारों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द किए जाने की मांग के मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम पत्रकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट से एफआईआर को रद्द करने की इजाजत देकर अलग से एक नया रास्ता नहीं खोल सकते हैं।
बुधवार को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर तीन पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के महत्व को समझते हैं। हम नहीं चाहते कि प्रेस का गला दबाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हम पत्रकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट से एफआईआर को रद्द करने की इजाजत देकर अलग से एक नया रास्ता नही खोल सकते।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनो याचिकाकर्ताओं पर 2 महीने तक कोई दंडात्मक कार्यवाई नही किए जाने का आदेश देते हुए उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा है।
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