काबुल। अफगानिस्तान में हजारा समुदाय के प्रमुख नेता मोहम्मद मोहाकिक ने आरोप लगाया है कि मध्यवर्ती प्रांत दयकुंडी में तालिबान के अधिकारी लोगों को अपनी जमीन छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अपदस्थ अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी के पूर्व सुरक्षा सलाहकार एवं हज्ब-ए-वहदत इस्लामी मर्दोम अफगानिस्तान के नेता मोहाकिक ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट कर कहा कि तालिबान के अधिकारी दयकुंडी में लोगों को गिजाब जिले के कंदिर और दहन नाला क्षेत्रों में तालिबान के प्रशंसकों के लिए अपनी जमीनें छोड़ने को मजबूर कर रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर लोग अपनी जमीनें छोड़ने के तालिबान के आदेश का पालन करते हैं तो आगामी सर्दियों से पहले एक मानवीय संकट पैदा हो जायेगा। मोहाकिक ने दो पत्र भी साझा किये, जो कथित तौर पर तालिबान अधिकारियों ने जारी किये हैं। इन पत्राें में जमीनें छोड़ने का आदेश दिया गया है और जरूरत पड़ने पर तालि
बान के सैन्य आयोग को हस्तक्षेप करने को कहा गया है।
बान के सैन्य आयोग को हस्तक्षेप करने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि दयकुंडी में तालिबान के अधिकारियों ने लोगों को अपनी जमीनें छोड़ने के लिए महज कुछ घंटों का समय दिया है। हजारा नेता ने कहा, “मुझे अभी मिली जानकारी के अनुसार, तालिबान का कहना है कि अगर किसी को आपत्ति है तो वह जमीन छोड़ने के बाद अदालत का रुख कर सकता है। इसका मतलब है कि तालिबान अदालतें पहले फैसले जारी करती हैं और उसके बाद जांच प्रक्रिया होती है।
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