हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। जनपद मुजफ्फरनगर के गांव फुलत में जामिया इमाम वलीउल्लाह नामक ट्रस्ट का संचालन करते हुए धर्मांतरण कराने के आरोप में मौलाना कलीम सिद्दीकी को यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण का कार्य देशव्यापी स्तर पर कर रहे थे। जिसके लिए उन्हे और उनके ट्रस्ट को विदेशों से भारी मात्रा में फंडिंग की जा रही थी और इस अवैध धन के सहारे बड़े पैमाने पर तेजी के साथ उनके द्वारा धर्मांतरण कराया जा रहा था।
बुधवार को राज्य मुख्यालय पर हुई प्रेसवार्ता में उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया है कि उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से धर्मांतरण कराने के मामले में एटीएस द्वारा जनपद मुजफ्फरनगर के रतनपुरी थाना क्षेत्र के गांव फुलत से मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी के ऊपर अवैध तरीके से धर्मांतरण कराने के लिये विदेशों से हवाला के माध्यम से फंडिंग लेने का आरोप है।
उन्होंने बताया कि मौलाना कलीम इस्लामिक विद्वानों में शामिल हैं और वह गांव में संचालित मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के डायरेक्टर भी हैं। 7 सितंबर को मुंबई में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा आयोजित किए गए राज्य प्रथम और राष्ट्र सर्वाेपरि कार्यक्रम में भी मौलाना कलीम शामिल हुए थे। उन्होंने बताया है की धर्मांतरण कराने के मामले में अभी तक 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। साक्ष्य एकत्र करने के लिए विभाग की ओर से कई टीमें गठित करते हुए उन्हें इसका जिम्मा सौंपा गया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी ने एक ट्रस्ट बना रखा है। ट्रस्ट की आड़ में वह विदेशों से मिलने वाले धन के सहारे धर्म परिवर्तन करा रहा था। मौलाना के मदरसा जामिया इलामवली उल्ला इस्लामिया ट्रस्ट में विदेशों से फंडिंग की जाती है। मौलाना कलीम पिछले तकरीबन 15 सालों से धर्मांतरण कराने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बहरीन ये हाल ही में डेढ़ करोड़ रुपए ट्रस्ट के लिए आए हैं। तीन करोड़ की कुल फंडिंग के एटीएस की जांच में साक्ष्य मिले हैं। उन्होंने बताया कि इसी वर्ष की 20 जून को उत्तर प्रदेश एटीएस की ओर से अवैध धर्मांतरण गिरोह को संचालित करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिनमें मुफ्ती काजी उमर गौतम, गुजरात के सलाउद्दीन जैनुद्दीन, नागपुर के रामेश्वर कावडे उर्फ आदम उर्फ एडम, झारखंड के कौशर आलम तथा महाराष्ट्र के भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा प्रमुख है। उन्होंने बताया कि उमर गौतम व उसके साथियों को ब्रिटेन आधारित संस्था अलफला ट्रस्ट से तकरीबन 570000000 रूपये की फंडिंग की गई थी। एटीएस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी खर्च का ब्यौरा नहीं दे सके थे। इस संबंध में साक्ष्यों के आधार पर विभिन्न तिथियों में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किए जा चुके हैं।
विवेचना के दौरान पता चला कि मौलाना कलीम सिद्दीकी पुत्र स्वर्गीय हाजी अमीन निवासी गांव फुलत जो अधिकांश रूप से दिल्ली में निवास करता है, वह धर्मांतरण के कार्य में लिप्त है और वह विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण का कार्य देशव्यापी स्तर पर करा रहे हैं। जिसके लिए विदेशों से उसे भारी मात्रा में फंडिंग की जा रही है और इस अवैध धन का प्रयोग कर वृहद पैमाने पर तेजी से धर्मांतरण कराया जा रहा है। जो सुनियोजित तरीके से संगठनात्मक रूप से किया जा रहा है। जिसमें देश के कई नामी लोग में संस्थाएं भी शामिल हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.