पंकज कपूर
नैनीताल। सीएम ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटा दी है। अदालत ने कोविड से जुड़े प्रतिबंधों के साथ यात्रा शुरू करने के आदेश दिए हैं। सरकार ने कहा है कि, कोविड नियमों का पालन करते हुए बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों में यात्रा शनिवार 18 सिंतबर से शुरू होगी।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि, देवस्थानम बोर्ड यात्रा के लिए अलग से एसओपी जारी करेगा। कोरोना काल में चारधाम यात्रा बंद कर दी गई थी, लेकिन अब यात्रा को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गये।
इससे पहले मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने की। यात्रा को खोलने की याचना करते हुए सरकार की ओर से अदालत में शपथ पत्र पेश किया। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि, उत्तराखंड के साथ-साथ देश में कोविड मामलों में कमी आयी है।
सभी मंदिर, स्कूल, न्यायालय, संसद खुल चुके हैं। इसलिए चारधाम यात्रा को भी कोविड के नियमों के पालन के साथ खोलने की अनुमति दी जाय। महाधिवक्ता ने कहा कि, चारधाम यात्रा बंद होने से लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
दूसरे पक्ष के अधिवक्ता शिव भट्ट ने कहा कि, सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए जो एसओपी जारी की है, उसमें कमियां हैं। यात्रा को प्रतिबंधों के साथ खोला जाए।
खण्डपीठ ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि, वर्ष में एक बार होने वाली चारधाम यात्रा अक्तूबर में खत्म हो जाती है। यात्रा मार्ग पर काम करने वाले व्यापारी, स्थानीय लोग यात्रा पर निर्भर हैं। इसके बन्द होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाता है।
दोनों पक्षों के सुनने के बाद न्यायालय ने प्रतिबंधों के साथ यात्रा शुरू करने के आदेश दिए। अदालत ने कहा है कि भविष्य में अगर कोविड केसों में बढ़ोतरी होती है और यात्रा को स्थगित करना पड़े तो इसके लिए भी व्यवस्था रखें।
नेगेटिव आरटीपीसीआर या दो टीकों की रिपोर्ट जरूरी
कोर्ट ने कहा कि, श्रद्धालुओं की आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट और कम्पलीट वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट की जांच के लिए चारों धामों में चेक पोस्ट बनाए जाएं।
श्रद्धालुओं के लिए कुंड में स्नान करने पर प्रतिबंध रहे और एंटी स्पीटिंग ऐक्ट को चारों धामों में लागू किया जाए। संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यात्रा को सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगों एवं एनजीओ की मदद ले सकते हैं, लेकिन एनजीओ एवं स्थानीय लोग, सही एवं जिम्मेदार होने चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि, यात्रा के दौरान सरकार मेडिकल हेल्पलाइन बनाए। जिससे अस्वस्थ्य लोगों को सुविधाएं मिल सकें। स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से चिकित्सा की संपूर्ण सुविधा हो। वहां चिकित्सक, नर्सें, मेडिकल स्टाफ समेत ऑक्सीजन बेड और वेंटीलेटर की व्यवस्था हो। जगह-जगह पर सुलभ शौचालय बनाये जाएं।
अदालत ने कहा है कि, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवश्यकता के अनुरूप पुलिस फोर्स लगाकर पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए जाएं। तीनों जिलों के विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिए हैं कि वे यात्रा की मॉनिटरिंग करें और प्रत्येक सप्ताह इसकी रिपोर्ट कोर्ट में दें।
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