अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। बिन्दुखत्ता की जनता पिछले चार दशक से अधिक समय से राजस्व गांव की मांग कर रही है। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में सरकार बनने पर बिन्दुखत्ता की जनता से राजस्व गाँव बनाने का वायदा किया था। लेकिन साढ़े चार साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी यहां के विधायक और राज्य सरकार ने बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव के सवाल पर कोई पहल लेना तो दूर रहा उल्टा राजस्व गाँव के सवाल पर जनता के बीच में भ्रम फैलाने का काम किया है।" बिन्दुखत्ता भूमि आंदोलन के दौर से ही बिन्दुखत्तावासियों के लिए संघर्षरत।
भाकपा (माले) के वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी ने प्रेस बयान के माध्यम से यह बात कही।
उन्होंने कहा कि, "अगर भाजपा सरकार में थोड़ी भी राजनीतिक ईमानदारी होती तो बिन्दुखत्ता व अन्य खत्तों को राजस्व गांव बनाया जा सकता था। लेकिन भाजपा सरकार का खुली वादाखिलाफी बिन्दुखत्ता और अन्य खत्तावासियों की जनता के साथ कर रही है।"
माले राज्य कमेटी सदस्य जंगी ने कहा कि,"भाजपा सरकार और विधायक बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव के सवाल पर शर्मनाक चुप्पी साधे हुए हैं। उत्तराखंड की भाजपा सरकार के इस रवैये को लेकर बिन्दुखत्ता की जनता में काफी आक्रोश है। भाकपा माले इस आक्रोश को अभिव्यक्ति देने के लिए 15 सितंबर को शहीद स्मारक पर धरने के माध्यम से सरकार से बिन्दुखत्ता को राजस्व गाँव घोषित करने की मांग उठायेगी।
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