हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। वाहनों के सायलेंसर में तब्दीली कर तेज आवाज करने के मामले में वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को सख्ती से रोकने के आदेश के बावजूद अफसरों द्वारा कारवाई ठीक से न करने पर उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कड़ा रुख अपनाया है। उच्च न्यायालय ने ठोस आरोपियों पर कार्रवाई न होने पर अफसरों को आगे तलब करने की चेतावनी भी दी है।अदालत ने कहा कि पहले के आदेश के तहत संबंधित अफसर ध्वनि प्रदूषण रोकने में नाकाम रहे ,लिहाजा उन्हें तलब किया जाना चाहिए। हालांकि, सरकारी वकील के सख्त कारवाई के आश्वासन पर अदालत ने गृह व परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिवों समेत पुलिस महानिदेशक को कृत कारवाई के हलफनामे दाख़िल करने को कहा है। न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायामूर्ति अब्दुल मोईन की खंडपीठ ने स्वयं संज्ञान लेकर 'माडीफाईड सायलेंसर से ध्वनि प्रदूषण' शीर्षक से कायम जनहित याचिका पर आज यह आदेश दिया।
अदालत ने पहले के आदेश के तहत दाखिल एसीएस होम व डीजीपी के कारवाई संबंधी जवाबी हलफनामे देखकर संतुष्ट नहीं हुई और इन्हें महज बहाना करार दिया। न्यायालय ने कहा कि वाहनों से ध्वनि प्रदूषण को रोकने को कारवाई करने में अफसर नाकाम रहे और ठोस कारवाई नहीं की। अदालत, यूपी प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के वकील द्वारा मामले में पेश की गई जानकारी से भी संतुष्ट नहीं हुई।
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