अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसकी शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से होती है और समाप्ति आश्विन अमावस्या के दिन होगी। इन दिनों में पूर्वजों और पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म एवं पिंड दान किया जाता है। इन दिनों श्रद्धा पूर्वक पितृों की सेवा करने से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। माना जाता है कि पितरों के आशीर्वाद से घर-परिवार में सुख-संपन्नता और मान-सम्मान बढ़ता है।
साल 2021 में पितृ पक्ष 20 सितंबर से लेकर 6 अक्टूबर तक रहेगा। इन 16 दिनों की अवधि में पितरों का श्राद्ध कर्म किया जाता है। मान्यता है इस दौरान हमारे पूर्वज धरती पर अपने परिवार के लोगों से अपनी मुक्ति और भोजन लेने के लिए मिलने आते हैं। इसलिए इस दौरान पिंडदान, तर्पण, हवन और अन्न दान का विशेष महत्व माना जाता है।
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