मिनाक्षी लोढी
कोलकाता। बता दें कि सुजय दास सोनारपुर में एक बीजेपी नेता की हत्या के मामले में जांच अधिकारी हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस बार हर मामले की जांच कर रहे राज्य अधिकारियों को चरणबद्ध तरीके से तलब किया जाएगा। राज्य के जांच अधिकारियों से चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों पर कई अहम जानकारियां हासिल की जा सकती है। सीबीआई किसको गिरफ्तार किया गया, किसे गिरफ्तार नहीं किया गया। उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। राज्य के जांच अधिकारियों से राज्य पुलिस के हाथ में क्या सबूत आए, इसका ब्योरा जानना चाहती है।
बता दें कि सीबीआई टीम सबसे पहले हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के घर जाकर उसके भाई से मिली थीं और बाद में उन्हें अपने साथ बयान दर्ज करवाने के लिए निजाम पैलेस ले गई थी। अभिजीत सरकार की इसी साल बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद 2 मई को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। अभिजीत सरकार के बड़े भाई विश्वजीत सरकार ने सीबीआई कार्यालय पहुंच कर कई सबूत सीबीआई अधिकारियों को दिए थे। परिवार का आरोप था कि कोलकाता पुलिस उनकी एफआईआर तक नहीं दर्ज कर रही थी। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अभिजीत के शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया गया था। बाद में कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर ही डीएनए टेस्ट भी कराया गया था। प्रदेश के अधिकारियों की मदद के लिए दिल्ली से टीमें भेजी गई हैं और मुख्यालय के कई अधिकारी कोलकाता में मौजूद हैं और विधानसभा चुनाव के बाद जिस जिले में भी हिंसा की खबर है वहां सीबीआई की टीम गई है और अभी तक उसने कुल 34 एफआईआर दर्ज किए हैं। इसमें हत्या के मामले हैं और हत्या का प्रयास व बलात्कार के मामले भी हैं। इससे पहले हाल के दिनों में सीबीआई की ऐसी सक्रियता और इतने बड़े पैमाने का अभियान देखने को नहीं मिला था।
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