अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली डॉ. अपाला मिश्रा ने यूपीएससी परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल की है। जबकि वह आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की भतीजी और दिल्ली विश्वविद्यालय की हिंदी फैकल्टी की प्रोफेसर अल्पना मिश्रा की बेटी हैं। पेश से डेंटल सर्जन अपाला ने इस कामयाबी को अपने आत्मविश्वास और अनुशासन के दम पर तीसरे प्रयास में हासिल किया है। इसके अलावा उन्होंने अपने आईएएस बनने का सपना बिना किसी कोचिंग के पूरा किया है। यही नहीं, उनकी इस कामयाबी की वजह से यूपी के तीन जिलों में जश्न का माहौल है।
डेंटल सर्जन डॉ. अपाला मिश्रा इस समय यूपी के गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-5 के ओलिव काउंटी में रहती हैं। जबकि उनके पिता अमिताभ मिश्रा मूल रूप से यूपी से बस्ती के रहने वाले हैं, जो कि आर्मी में कर्नल रहे हैं. वहीं, उनकी मां अल्पना मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी फैकल्टी में प्रोफेसर हैं। इसके अलावा अपाला का भाई अभिलेख मिश्रा आर्मी में मेजर है। डॉ. अपाला मिश्रा ने 10वीं तक की पढ़ाई देहरादून और फिर 11वीं व 12वीं की पढ़ाई दिल्ली से की है। जबकि उन्होंने 2017 में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की डिग्री हैदराबाद से पूरी की थी। इस दौरान ही अपाला ने देश सेवा के लिए आईएएस बनने का सपना देखा था। इस वजह से उन्होंने डेंटल सर्जन बनने के बाद 2018 से घर पर ही रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। जबकि तीसरे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल कर अपना डंका बजवाया है।
डॉ. अपाला मिश्रा की कामयाबी की सबसे बड़ी वजह उनका आत्मविश्वास, अनुशासन और टाइम मैनेजमेंट रहा है। अपाला के मुताबिक, यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है. इस वजह से मेरा रूटीन प्रतिदिन तय समय पर उठना, थोड़ी एक्सरसाइज और हेल्दी खाने के साथ 7 से 8 घंटे पढ़ने का लक्ष्य रहता था. इसके साथ उन्होंने कहा कि किसी भी उड़ान के लिए हौसला बहुत जरूरी है। वहीं, अपाला अब देश की आवाज बनकर देश हित में काम करने के साथ भ्रष्टाचार और सामाजिक कुरीतियों को दूर करना चाहती हैं।
अपाला ने डेंटिस्टी में गोल्ड मेडल हासिल किया है। जबकि हिन्दी निबंधकार, आलोचक और उपन्यासकार हजारी प्रसाद द्विवेदी की नातिन होने का उनके जीवन पर पूरा असर है। इसी वजह से वह एक क्रिएटिव राइटर भी हैं। यही नहीं, साहित्य अकादमी ने अंग्रेजी में उनकी कविताओं का प्रकाशन किया है। इसके अलावा जब इंटरव्यू के दौरान पिता और भाई के आर्मी में होने की वजह से अपाला से पूछा गया कि उन्होंने परिवार से क्या लिया तो उनका जवाब था अनुशासन। साथ ही कहा था कि वह इसी के दम पर यहां पहुंची हैं और अपना सारा काम अनुशासन में रहकर करती हैं। डॉ. अपाला मिश्रा की कामयाबी को लेकर यूपी के तीन जिलों में जश्न मन रहा है। वह इस वक्त गाजियाबाद में रहती हैं, लिहाजा यहां जश्न मनना पहले से तय था। लेकिन इस उनकी कामयाबी के बाद बस्ती और बलिया में भी जश्न का माहौल है। दरसअल, अपाला के पिता मूल रूप से बस्ती के रहने वाले हैं, तो उनकी मां बलिया के ओझवलिया निवासी आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की भतीजी हैं।
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