अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में नई आबकारी नीति के तहत शराब की सभी निजी दुकान 1 अक्टूबर से बंद हो जाएगी। बड़ी संख्या में शराब की निजी दुकानों के बंद हो जाने से पियक्कडों के सामने जहां शराब की किल्लत पैदा होगी, वहीं इससे शराब के अवैध कारोबार में भी बढ़ोतरी हो सकती है। आबकारी विभाग ने निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार से राजधानी दिल्ली में पियक्कडों के सामने भारी दिक्कत खड़ी होने जा रही है। सरकार की नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में शराब की सभी निजी दुकाने 1 अक्टूबर से बंद हो जाएंगी। नई आबकारी नीति के तहत तकरीबन 46 दिन बाद शुक्रवार को बंद हुई दुकान है 17 नवंबर से खुल सकेंगी। हालांकि इस दौरान पियक्कड़ों की पूर्ति के लिए शराब की सरकारी दुकानें खुली रहेंगी। बड़ी संख्या में निजी दुकानों के बंद हो जाने से जहां पियक्कडों के सामने शराब की किल्लत उत्पन्न होगी। वही इससे शराब के काले कारोबार को भी बढ़ावा मिल सकता है। इसी बात को मददेनजर रखते हुए आबकारी विभाग ने बैठक करने के बाद अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली में शराब की 720 सक्रिय दुकानें है। इसमें 40 यानी 260 निजी है। दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटकर शराब की दुकान खोलने का फैसला किया है। लाइसेंस का आवंटन हो चुका है। दिल्ली में शराब की किल्लत ना हो इसलिए नई दुकानें खुलने तक सरकारी दुकानें चलती रहेगी। वहीं, सभी सरकारी दुकानों पर शराब की पर्याप्त आपूर्ति करने के निर्देश भी दिए गए हैं। निजी दुकानें बंद होने के बाद राजधानी के 272 वार्ड में से 106 वार्ड में एक भी शराब की दुकान नहीं बचेगी।
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