बीजिंग/ नई दिल्ली। भारत ने साउथ चाइना सी में चीन के दबदबे को कम करने की शुरुआत कर दी है। पूर्वी एशियाई देशों के साथ अपने सुरक्षा संबंधों के विस्तार करने की कड़ी में भारत दक्षिण चीन सागर में अगस्त में एक नौसैनिक टास्क फोर्स भेज रहा है। भारतीय सेना परंपरागत रूप से चीन का विरोध करने से बचती रही है। लेकिन लद्दाख में सैनिकों के बीच झड़पों के बाद चीन को लेकर भारतीय सेना बेहद सख्त दिखाई दे रही है। चीन के खिलाफ अमेरिका भी भारत का खुलकर साथ दे रहा है।
नौसेना ने एक बयान में बताया है कि एक गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर और एक फ्रिगेट मिसाइल सहित चार जहाजों को दो महीने के लिए दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में तैनात किया जाएगा। इस तैनाती को लेकर नौसेना ने कहा है कि समुद्री क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में मित्र देशों के साथ परिचालन पहुंच, शांतिपूर्ण उपस्थिति और एकजुटता को रेखांकित करना चाहती है।
तैनाती को लेकर नौसेना ने आगे बताया है कि इस तरह के समुद्री पहल आम समुद्री हितों और समुद्र की स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर भारतीय नौसेना और मित्र देशों के बीच तालमेल और समन्वय को बढ़ाती है। नौसेना ने बताया है कि भारतीय जहाज गुआम के तट पर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ सालाना संयुक्त युद्ध अभ्यास में भाग लेंगे।
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