नरेश राघानी
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश की जटिल भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। अशोक गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की दूसरी बैठक में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां काफी जटिल हैं। ऎसे में यहां सर्विस डिलीवरी की लागत अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अधिक आती है। इन हालात में राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ने इस दिशा में अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है।
उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद हमारा प्रयास है कि प्रदेश के सतत विकास के लिए आर्थिक सुधारों के साथ ही गवर्नेंस के मॉडल में भी बदलाव लएं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर करों के डिविजिबल पूल में से राज्यों को मिलने वाले हिस्से को भी लगातार कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों सहित अन्य सभी मुद्दों का तत्काल समाधान आवश्यक है अन्यथा राज्यों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गत ढाई वर्ष में सरकारी क्षेत्र में 90 हजार से अधिक भर्तियां की गई हैं और 81 हजार भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में अंग्रेजी माध्यम के 1200 विद्यालय शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की विषम परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
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