हरिओम उपाध्याय
उन्नाव। रेप कांड की पीड़िता की ओर से अपने निजी सुरक्षा अधिकारी पर लगाए गए प्रताड़ना के आरोपों को लेकर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सीबीआई के जांच अधिकारी को कंपैक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सोमवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता की ओर से अपने निजी सुरक्षा अधिकारी पर लगाए गए प्रताड़ित करने के आरोप पर सुनवाई करते हुए रिपोर्ट तलब की है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सीबीआई के जांच अधिकारी को इस बाबत कंपैक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। उन्नाव रेप कांड की पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाद उसे सरकार की ओर से सुरक्षा मिली हुई है।
याचिका में कहा गया है कि सुरक्षा अधिकारी उसके आवागमन को रोकते हैं। सुरक्षा अधिकारी की ओर से इस प्रकार से करना उसकी स्वतंत्रता को बाधित करने की कोशिश है। आवागमन को रोकने की वजह से वह अपना मुकदमा भी ठीक तरह से नहीं लड़ पा रही है। गौरतलब है कि 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने तत्कालीन भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के साथ दोषी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश कोर्ट ने दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.