पंकज कपूर
हल्द्वानी। "यह हड़ताल आशाओं के हक और सम्मान की लड़ाई है, जिसे हम जरूर जीतेंगे।" आशा हड़ताल और धरने के तेइसवें दिन ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन द्वारा जारी बयान में यह बात कही गई। यूनियन ने कहा कि, "आशा वर्करों ने उत्तराखण्ड राज्य की बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को अपने दम पर जी-जान से चलाकर ताकत दी है। लेकिन अफसोस की बात है कि आशा कामगारों को प्रदेश की धामी सरकार सम्मानजनक मानदेय तक देने का फैसला तक नहीं ले पाई है, जबकि वे नियमित वेतनमान पाने की हकदार हैं।" यूनियन ने कहा कि, "राज्य सरकार द्वारा इस तरह से आशा वर्करों की मांगों को अनसुना करना जारी रहा तो आगामी विधानसभा चुनावों में इसका जवाब दिया जायेगा। इसलिए सरकार तत्काल आशाओं को मासिक वेतन देने की घोषणा करे।"
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