जमुई। जमुई में मेडिकलकॉलेज निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया कि खैरा के बेला में ही मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा। हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विभाग को निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश संजय केरोल और जस्टिस डॉक्टर अनिल कुमार उपाध्याय ने इस मामले की सुनवाई के उपरांत यह फैसला दिया है। कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि जिस स्थल पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण होना है वह इलाका सुरक्षा के दृष्टिकोण से ठीक नहीं है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था। सरकार ने कोर्ट को यह जानकारी दिया कि जहाँ पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाना है वह जगह सुरक्षा की दृष्टिकोण से बेहतर है। वहाँ सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम हैं। निर्माण स्थल के पास एसएसबी का कैम्प है। सरकार के द्वारा दिये गए जवाब के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। बताते चलें कि जमुई में मेडिकल कॉलेज के निर्माण से यहाँ के लोगों में काफी खुशी है।जमुई जिला के जनप्रिय नेता दिवंगत विधायक अभयसिंह जी का अपने जिला में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का सपना साकार होने जा रहा है। जिले में मेडिकल कॉलेज निर्माण राह में रोड़ा अटकाने वालों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए कुछ लोग इसके निर्माण में बाधक बने हुए थे। लेकिन बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रधोगिकी मंत्री सुमितकुमारसिंह लगातार इन बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयासरत थे। सरकार के तरफ से कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखा जाए, उन्होंने यह सुनिश्चित किया। जिसका परिणाम यह हुआ कि हाईकोर्ट में बिहार सरकार की दलील के सामने रोड़ा अटकाने वालों के तर्क धराशायी हो गए। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद सभी अड़चने दूर हो गई है।
जल्द ही मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का कार्यारंभ होने जा रहा है।जमुई मेडिकल शिक्षा एवं सेवा के मामले में पटना और देवघर पर निर्भर था। यहां से पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की दूरी 170 किमी से अधिक है। लिहाज़ा किसी भी आपात स्थिति में बहुत मुश्किल होती है। दूसरा यहां मेडिकल एजुकेशन से लोगों का इसके प्रति रुझान बढ़ेगा। मेडिकल कॉलेज शुरू होने से इसके साथ-साथ सरकारी स्तर पर नर्सिंग एजुकेशन, पारा मेडिकल ट्रेनिंग, लैब तकनीशियन, ओटी असिस्टेन्ट, रेडियोलॉजी असिस्टेन्ट आदि की पढ़ाई यहां शुरू हो सकेगी। जिससे बड़े पैमाने पर स्थानीय युवाओं को तकनीकी कौशल आधारित रोजगार मिलेगा।मेडिकल कॉलेज अस्पताल शुरू होने पर स्वाभाविक रूप से इन सभी विधाओं का सहज रूप से शिक्षण-प्रशिक्षण शुरू होता है। वहीं मेडिकल कॉलेज के कारण बहुत सारे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर विकसित होंगे। लोगों में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ेगी, सेहतमंद होंगे। वहीं छोटी बीमारियों में भी पटना और बड़े शहर जाकर इलाज़ कराने को विवश नहीं होंगे। इससे आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानी से बहुत निजात मिलेगी।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.