हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश लॉ कमीशन ने सोमवार को जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी। इसके साथ ही लॉ कमीशन ने जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े कानून का ड्राफ्ट भी तैयार कर योगी सरकार को सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि 17 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में योगी सरकार इस बिल को पेश कर सकती है।
बिल के फाइनल ड्राफ्ट में कमीशन ने दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने समेत कई सुविधाओं से वंचित रखने की सिफारिश की है। साथ ही वन चाइल्ड पॉलिसी को प्रोत्साहन देने पर भी जोर दिया गया है।
लॉ कमीशन ने सिफारिश की है कि प्रदेश में बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने और उसे स्थिर करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही जिन दो सरकारी कर्मचारियों के दो बच्चे हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया चाहिए। वहीं, जिनका एक ही बच्चा है, उसे और ज्यादा प्रोत्साहित करना चाहिए। आम जनता को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इसके अलावा जिनके दो से ज्यादा बच्चे हों, उन्हें कई सुविधाओं से वंचित कर दिया जाना चाहिए। ऐेसे लोगों को राज्य की स्वास्थ्य योजना से वंचित किया जा सकता है। साथ ही राशन कार्ड में चार सदस्यों के नाम की लिमिट तय कर दी जानी चाहिए। उसे राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी भी नहीं मिलनी चाहिए।
दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों के स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक लगा देनी चाहिए। इसके साथ ही जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे, उनके यूपी में सरकारी नौकरी में अप्लाई करने पर रोक होनी चाहिए और अगर कोई नौकरी में रहते हुए दो से ज्यादा बच्चे पैदा करता है, तो उसका प्रमोशन रोक देना चाहिए।
अगर एक बच्चा होने के बाद अगली बार जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं, तो उसे टू चाइल्ड पॉलिसी का उल्लंघन नहीं माना जाना चाहिए।
साथ ही अगर किसी व्यक्ति का एक या दोनों बच्चे विकलांग है, तो उसे तीसरा बच्चा गोद लेने की इजाजत होनी चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति का एक या दोनों बच्चे विकलांग हैं, तो उसे तीसरा बच्चा पैदा करने की इजाजत भी होनी चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति के एक या दोनों बच्चों की मौत हो जाती है तो भी उसे तीसरा बच्चा पैदा करने की इजाजत होनी चाहिए।
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