काबूल /नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना के बीच अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे से जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।वहीं दूसरी तरफ भारत समेत पूरे विश्व भर में पोलियो वायरस के फैलने की भी आशंका उत्पन्न हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक्सपर्ट कमेटी ने पोलियो को लेकर सदस्य देशों को चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान में गृहयुद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पोलियो वायरस के फैलने का जोखिम अब एक बार फिर से बढ़ गया है।
इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन 2005 के तहत बनाई गई विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपात कमेटी ने अपनी 29वीं बैठक के बाद कहा है कि पोलियो की रोकथाम के लिए किए गए अभी तक के सभी प्रयास सराहनीय हैं। लेकिन इससे संतुष्ट होकर लापरवाही करने का अभी समय नहीं आया है। कमेटी ने बैठक के दौरान कहा है कि बढ़ते सैन्य संघर्ष के साथ अफगानिस्तान के कई प्रांतों में चल रही दुर्गमता एक बड़ा जोखिम है। दक्षिणी अफगानिस्तान में ही तकरीबन 1000000 बच्चों में पिछले 3 साल से पोलियो का टीका नहीं लगा है। पोलियों का टीका नही लगवा पाने बच्चों का आंकड़ा अब लगातार बढ़ता जा रहा है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान दुनिया के सिर्फ ऐस वह दो मुल्क है जहां पोलियो अभी अपनी जड़े बनाए हुए हैं। इन दोनों की देशों में वर्ष 2018 के बाद से टीकाकरण के प्रयासों में मुश्किलें पेश आई हैं। क्योंकि जिन क्षेत्रों में तालिबान मजबूत था वहां उन्होंने घर-घर जाकर बच्चों को टीका लगाने पर पाबंदियां लगा दी थी। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में पोलियो के खतरे को भांपते हुए भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वहां से लौट रहे लोगों को एहतियाती उपाय के तहत पोलियो रोधी टीका लगाया जाएगा। मंडाविया ने ट्वीट किया है कि हमने अफगानिस्तान से लौट रहे लोगों को वाइल्ड पोलियो वायरस के खिलाफ एहतियातन निशुल्क पोलियो रोधी टीका ओपीवी एवम् एफआईपीवी लगाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य टीम को उनके प्रयास के लिए बधाई।
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