हरिओम उपाध्याय
मुज़फ्फरनगर। जनपद में कई ऐसे गैंग सक्रिय है जो बेरोजगार युवकों को विजिट वीजा पर अरब देशों में भेज कर सोने की तस्करी करते थे। लेकिन अब कोविड-19 काल में इन सोना तस्करों ने विजिट वीजा नहीं मिलने पर इन देशों से नोकरी कर दो साल बाद वापस अपने मुल्क आ रहे लोगों को थोड़ा लालच देकर सोना तस्करी का धंधा फिर से चालू कर दिया है। इसमें भी सोना तस्करों ने खेला होबे का काम शुरू कर दिया। इसमें मुज़फ्फरनगर , शामली , बिजनौर के लोग शामिल होकर तस्करी का धंधा कर रहे है। यह सोना तस्कर क्या खेला होबे कर रहे हैं।
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अरब जगत के मुल्कों से कोविड काल से पहले विजिट वीज़ा पर बेरोजगार युवकों को विदेश भेजकर सोना तस्करी का कारोबार करने वाले लोगों पर कोविड-19 के चलते फ्लाइट बंद होने के कारण रोक लग गई थी लेकिन जैसे ही कुछ शर्तों के साथ फ्लाइटों का आवागमन अरब देशों के साथ इंडिया में शुरू हुआ, ऐसे ही सोना तस्करों के गैंग फिर से सक्रिय हो गये और इन्होंने नया फार्मूला निकाला। विजिट वीजा पर बेरोजगार युवकों का जाना जब इन देशों में बंद हो गया तो इन सोना तस्करों ने नया फार्मूला ईजाद कर लिया है। अब यह गैंग बेरोजगार युवकों को ना भेज कर अरब जगत में नौकरी कर वापस अपने देश लौट रहे हैं लोगो को 1000 दिरहम या रियाल का लालच देकर सोने के बिस्कुट मंगवा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा खेला इस बार यह हो रहा है कि कोई युवक जो अरब देश से वापस आ रहा है।
अगर वह एयरपोर्ट पर पकड़ा जाता है तो अगले सोना लाने वाले युवक के साथ यह गैंग पहले सोने का बिस्कुट देकर फिर उससे धोखाधड़ी कर वापस ले रहा है। जब इस उम्मीद के साथ वो युवक एयरपोर्ट से बाहर निकलते है कि अपने वतन आने के बाद वो सोने के बिस्कुट लेकर एयरपोर्ट से बाहर आ गए है कि अब उनको इंडियन करेंसी के 20 हजार रुपये का मुनाफा हो गया है। मगर जब वो एयरपोर्ट से बाहर निकलता है तो उसके बैग से सोने के बिस्कुट गायब मिलते है।
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