टोक्यो। बालों में परिपक्वता की सफेदी और चेहरे पर तजुर्बे की हल्की हल्की झुर्रियां लिये डल्लास उबरहोल्जर ओलंपिक की स्केटबोर्डिंग स्पर्धा में अपने से आधी उम्र के प्रतियोगियों के खिलाफ उतरेंगे, तो उनका लक्ष्य पदक जीतना नहीं बल्कि ओलंपिक के इस अनुभव को जीना होगा। युवा खिलाड़ियों से भरे इस खेल में जहां बड़े-बड़े प्रायोजकों के साथ उतरे खिलाड़ियों के इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर हैं। वहीं दक्षिण अफ्रीका के डल्लास खानाबदोशों की तरह जीते आये हैं।
महिला वर्ग में कुछ दिन पहले ही 13 बरस की दो बच्चियों ने स्वर्ण और रजत पदक जीते थे। वह कन्सर्ट में ड्राइवर के रूप में काम कर चुके हैं। जहां उनका काम नर्तकों को लाना छोड़ना होता था। इसके अलावा वह कनाडा से अर्जेंटीना तक कार से चले गए। खुद को वह अनुभवों का पिटारा बताते हैं। उन्होंने कहा ,” मैं जानता हूं कि मैं यहां पदक नहीं जीतूंगा लेकिन मैं अपनी उम्र के लोगों के लिये मिसाल बनना चाहता हूं।”
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.