अविनाश श्रीवास्तव
पटना। जातीय जनगणना की मांग को लेकर सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 10 अलग-अलग दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सीएम नीतीश और तेजस्वी यादव ने मीडिया से एक सुर में बात की। दोनों नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बड़े गौर से उनकी बात सुनी है।
अब उन्हें इस सम्बन्ध में निर्णय का इंतजार है। सीएम नीतीश कुमार ने पत्रकारों को प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात का ब्योरा देते हुए कहा कि प्रतिनिधिमंडलने जातीय जनगणना के सभी पहलुओं को लेकर पीएम के सामने विस्तार से अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबकी बातों को बड़े गौर से सुना। उन्होंने जातीय जनगणना की मांग से इनकार नहीं किया है। हमें उम्मीद है कि वह इस बारे में विचार करके उचित निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि नेताओं ने प्रधानमंत्री को जातिगत जनगणना के बारे में अब तक बिहार में हुई कोशिशों की पूरी जानकारी दी। उन्हें बताया कि कैसे 2019 और 2020 में प्रस्ताव पास किया गया।
बीच में केंद्र के एक मंत्री के यह कहने से कि जातिगत जनगणना नहीं हो पाएगी, पूरे राज्य में बेचैनी फैल गई। उन्होंने कहा कि इसी स्थिति के चलते पीएम से आज मुलाकात की गई। उन्हें ओबीसी, माइनारिटी समेत सभी के बारे में जानकारी दी गई। सीएम नीतीश ने कहा कि जातिगत जनगणना बेहद जरूरी है। यह एक बार हो जाएगा सब की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जिन वर्गों को सरकारी योजनाओं का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है उनके बारे में भी ठीक ढंग से योजनाएं बन पाएंगी। विकास के लिए ठीक से काम होगा।
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