पंकज कपूर
देहरादून। कुंभ कोरोना टेस्टिंग घोटाले में धामी सरकार की किरकिरी होने के बाद दो अधिकारियों पर गाज गिरा दी गई। उनमें से एक है। कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डा. अर्जुन सिंह सेंगर। गजब की बात यह है कि उनका कुंभ के बाद प्रमोशन भी हुआ। लेकिन पोस्टिंग के बजाय उनका निलंबन हो गया। कुंभ के बाद डा. अर्जुन सिंह सेंगर का सहायक निदेशक में प्रमोशन हो चुका है। लेकिन कोरोना जांच फर्जीवाड़े ने उनकी नई पोस्टिंग में दाग लग गया है। इस कार्रवाई के बाद एसआईटी जांच को लेकर कइयों की धडक़नें बढ़ गई हैं।
कोरोना की दूसरी लहर के बीच हुए कुंभ कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़ा सामने आया था। लैबों से लगभग ढाई लाख श्रद्धालुओं की जांच करने का दावा किया गया था। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शासन के निर्देश पर तत्कालीन जिलाधिकारी सी रवि शंकर ने 12 जून को मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था।
इसके बाद मुख्य विकास अधिकरी सौरभ गहरवार ने 14 अगस्त को दो माह बाद जांच रिपोर्ट नए डीएम विनय शंकर पांडेय को सौंप दी थी। जिलाधिकारी ने भी जांच रिपोर्ट को शासन को भेज दिया था। जिसके बाद सरकार ने एक्शन लेते हुए मई 2020 में कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी बनाए गए डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर और फरवरी 2021 में कोरोना जांच के नोडल अधिकारी बनाए गए डॉ. एनके त्यागी को कोरोना टेस्टिंग घोटाले में सस्पेंड कर दिया गया है।
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