नई दिल्ली/ काबुल। अफगानिस्तान के हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को पहली बार अफगानिस्तान की स्थिति पर अपना प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में मांग की गई है कि युद्ध प्रभावित देश का इस्तेमाल किसी देश को डराने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाए। साथ ही तालिबान से लोगों को स्वतंत्रतापूर्वक देश छोड़ने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने के लिए कहा गया है। हालांकि, इस प्रस्ताव में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ‘सेफ जोन’ के सुझाव का जिक्र नहीं है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से तैयार इस प्रस्ताव के पक्ष में 13 वोट पड़े जबकि चीन और रूस मतदान प्रक्रिया से अनुपस्थित रहे। प्रस्ताव पर किसी देश ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई।
यूएनएससी की इस बैठक की अध्यक्षता भारत के पास थी। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की अध्यक्षता वाली इस बैठक में अफगानिस्तान के हालात पर यह प्रस्ताव पारित हुआ। श्रृंगला ने कहा कि यह प्रस्ताव महिला अधिकार, खासकर सिख एवं हिंदू अल्पसंख्यक अधिकारों के महत्व को दर्शाता है। प्रस्ताव में लोगों के सुरक्षित निकलने एवं अफगानिस्तान से बातचीत के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही गई है।
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