मनोज सिंह ठाकुर
जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट में दायर प्रदेश में पटवारियों की हड़ताल के ख़िलाफ़ याचिका पर आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इसे अवैध घोषित करते हुए पटवारियों को तत्काल काम पर लौटने का आदेश दिया। वही राज्य सरकार को भी हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि पटवारियों की माँगो पर विचार करें। हाईकोर्ट ने कहा कि पटवारियों से मीटिंग कर जायज़ मांगों को पूरा करने पर विचार किया जाए। पटवारियों की समस्याओं का 60 दिन के भीतर सरकार निराकरण करें।
दरअसल, यह याचिका मनोज कुशवाहा सहित किसानों ने लगाई है। जिसमें पटवारियों की हड़ताल को चुनौती दी गई थी। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बीते 10 अगस्त से प्रदेश भर के पटवारियों ने काम बंद हड़ताल कर रखी है, जिसके चलते सरकारी कामकाज के साथ राजस्व का काम बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। वही लोग भी परेशान हो रहे है।इधर मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश भर के सभी पटवारी तुंरत काम पर वापस लौटे। साथ ही हाईकोर्ट ने पटवारियों की हड़ताल को अवैध घोषित करार किया है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रणव वर्मा और चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की डिवीजन बैंच में चली सुनवाई में पटवारियों के साथ साथ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भी आदेश दिए है कि आप पटवारियों से बात करें और जाने की उनकी मांगे कितनी जरूरी है। इसके अलावा पटवारियों के साथ बैठक भी करें और उनकी मांगों पर विचार करें।हाई कोर्ट की डिवीजन बैंच ने पटवारियों की बीते 17 दिनों से चल रही हड़ताल पर राज्य सरकार को यह भी आदेश दिए है कि वह आगामी 60 दिनों के भीतर उनकी समस्याओं का निराकरण कर रिपोर्ट दें।
गौरतलब है कि पटवारियों की हड़ताल को लेकर सबसे ज्यादा कोई परेशान हो रहा था वह थे किसान ।लिहाजा मनोज कुशवाहा सहित किसानों ने पटवारियों की हड़ताल को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसका निराकरण आज हाई कोर्ट ने किया है। प्रदेश भर के पटवारियों ने 2 एवं 3 अगस्त को सामूहिक अवकाश लिया था और उसके बाद पुनः 9 अगस्त से काम बंद हड़ताल कर दी थी। पटवारियों की मुख्य मांग थी कि उनका समयमान और वेतनमान बढ़ाया जाए साथ ही उनसे सिर्फ राजस्व संबधित काम लिया जाए।
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