सोमवार, 16 अगस्त 2021

400 परियोजनाओं को लेकर मंत्रालयों में चिंता

काबुल। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा अपने देश को छोड़ने के बाद केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही 400 परियोजनाओं को लेकर दिल्ली के कई मंत्रालयों में चिंता है। यहां की संसद भवन का निर्माण भी शहरी विकास मंत्रालय ने किया था और उसके मुख्यालय का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर “अटल ब्लॉक” रखा गया था। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रपति गनी ने किया था।

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संसद परिसर का निर्माण करीब 600 करोड़ से किया गया था। सन 2015 में इसका उद्घाटन हुआ था। संसद परिसर में 400 लोगों के बैठने के लिए मस्जिद का निर्माण भी किया था। लेकिन अब कहा जा रहा है कि तालिबानी नेता अपने इस्लामिक देश की संसद से भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व वाजपेई का नाम ठीक उसी तरह हटा सकते हैं जिस तरह अंग्रेजों के जाने के बाद भारत में उनके नामों को हटाया दिया गया है। उदाहरण के तौर पर 1927 में भारतीय संसद का निर्माण अंग्रेजों ने कराया था और इसका उद्घाटन लॉर्ड इरविन ने किया था। जबकि लार्ड इरविन के नाम से सबसे बड़ा अस्पताल भी दिल्ली में बना था जिसका नाम अब इरविन अस्पताल से लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल कर दिया गया है। अगर इस परंपरा को तालिबानियों ने अपनाया तो कोई बड़ी बात नहीं है कि वहां की संसद से स्वर्गीय बाजपेई का नाम हट जाए।

अफगानिस्तान में इस समय लगभग 400 छोटी बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसी वर्ष मई के महीने में 29 करोड़ डॉलर की लागत से एक बांध कभी निर्माण कार्य शुरू हुआ है। जिसमें 20 लाख लोगों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की जाएगी। वैसे तो अफगानिस्तान में हिंदुओं एवं सिखों की तादाद बहुत ज्यादा नहीं है। लेकिन 5सौ से ज्यादा लोग प्रतिनियुक्त पर वहां तैनात हैं। उनको लेकर भी यहां चिंता व्यक्त की जा रही है। कई मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी भी समय-समय पर उक्त परियोजनाओं का मुआयना करने जाते हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अफगानिस्तान से आने वाले भारतीयों के लिए विशेष विमान की व्यवस्था की है। अशांत अफगानिस्तान से गत वर्ष भी 380 लोगों को एक विशेष विमान से यहां लाया गया था। रविवार को भी एक विशेष विमान दिल्ली से काबुल भेजा गया था जिसमें 170 लोगों के आने की सूचना है। सूत्रों के मुताबिक वहां से आने के उत्सुक लोगों को भारतीय दूतावास के माध्यम से नागरिक उड्डयन मंत्रालय विशेष विमान उपलब्ध कराएगा।

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