अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया कि 10 साल की सजा भुगत चुके उम्र कैदियों और अन्य मामलों में सुनाई गई। अधिकतम सजा की आधी भुगत चुके दोषियों की जमानत याचिकाओं पर इलाहाबाद हाई कोर्ट विचार कर सकता है। प्रदेश सरकार और हाई कोर्ट ने चेतावनी भी दी और कहा कि सार्वजनिक शांति और समाज की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कुख्यात अपराधियों, बार-बार अपराध करने वालों, अपहरणकर्ताओं, नरसंहार से जुड़े अपराधों (तीन या तीन से ज्यादा हत्याएं), आदतन अपराधियों और उत्तर प्रदेश जेल स्थायी नीति के मुताबिक निषिद्ध वर्ग में आने वाले उम्र कैदियों को कोई जमानत प्रदान नहीं की जानी चाहिए।
प्रदेश सरकार और हाई कोर्ट रजिस्ट्री ने अपने सुझाव सुप्रीम कोर्ट के उस पूर्व आदेश के अनुपालन में दिए हैं जिसमें उनसे ऐसे दोषियों को खुद हाई कोर्ट द्वारा जमानत प्रदान करने के लिए विस्तृत मानक तैयार करने में मदद करने के लिए कहा था जिनकी अपीलें लंबे समय से लंबित हैं।
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