गुरुवार, 12 अगस्त 2021

ईओएस-03 कक्षा में स्थापित, विफल रहा रॉकेट

अमरावती। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का जीएसएलवी रॉकेट भू-अवलोकन सैटेलाइट ईओएस-03 को कक्षा में स्थापित करने में बृहस्पतिवार को विफल रहा। रॉकेट के ‘कम तापमान बनाकर रखने संबंधी क्रायोजेनिक चरण’ में खराबी आने के कारण यह मिशन पूरी तरह संपन्न नहीं हो पाया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि पहले और दूसरे चरण में रॉकेट का प्रदर्शन सामान्य रहा था। इसरो की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 51.70 मीटर लंबे सैटेलाइट जीएसएलवी-एफ10/ईओएस-03 ने 26 घंटे की उलटी गिनती के समाप्त होने के तुरंत बाद सुबह पांच बजकर 43 मिनट पर श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड (प्रक्षेपण स्थल) से सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी।
पहले और दूसरे चरण में रॉकेट का प्रदर्शन सामान्य रहा था। ‘क्रायोजेनिक अपर स्टेज’ तकनीकी खराबी के कारण पूर्ण नहीं हो पाई। जैसी उम्मीद थी उस तरह मिशन सम्पन्न नहीं हो पाया। इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि मिशन मुख्य रूप से क्रायोजेनिक चरण में एक तकनीकी विसंगति के कारण पूरी तरह से सम्पन्न नहीं किया जा सका।
यह प्रक्षेपण इस साल अप्रैल या मई में होना था लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के चलते इसे टाल दिया गया था। फरवरी में ब्राजील के भू-अवलोकन सैटेलाइट एमेजोनिया-1 और 18 अन्य छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद 2021 में इसरो का यह दूसरा मिशन था। ‘मिशन कंट्रोल सेंटर’ के वैज्ञानिकों ने इससे पहले बताया था कि उड़ान भरने से पहले, ‘लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड’ ने योजना के अनुसार सामान्य उड़ान भरने के लिए मंजूरी दी थी।
पहले और दूसरे चरण में रॉकेट का प्रदर्शन सामान्य रहा। कुछ मिनटों बाद हालांकि, वैज्ञानिकों को चर्चा करते देखा गया और रेंज ऑपरेशन्स निदेशक द्वारा मिशन कंट्रोल सेंटर में घोषणा की गई कि कुछ खराबी के कारण मिशन पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हो सका। ‘मिशन कंट्रोल सेंटर’ में रेंज ऑपरेशन्स निदेशक की घोषणा की, ” क्रायोजेनिक चरण में, प्रदर्शन में विसंगति देखी गई। मिशन पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हो सका।
इस अभियान का उद्देश्य नियमित अंतराल पर बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय पर तस्वीरें उपलब्ध कराना, प्राकृतिक आपदाओं की त्वरित निगरानी करना और कृषि, वनीकरण, जल संसाधनों तथा आपदा चेतावनी प्रदान करना, चक्रवात की निगरानी करना, बादल फटने आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करना था।
इसरो मिशन का कार्यक्रम फिर से तय किया जा सकता है। 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के जीएसएलवी रॉकेट के भू-अवलोकन उपग्रह ईओएस-03 को कक्षा में स्थापित करने में बृहस्पतिवार को विफल रहने के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस उपग्रह के प्रक्षेपण का कार्यक्रम फिर से तय किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री और अंतरिक्ष विभाग के प्रभारी सिंह ने कहा कि उन्होंने इसरो अध्यक्ष के. सिवन से मिशन को लेकर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि प्रक्षेपण के पहले दो स्तर ठीक रहे लेकिन उसके बाद क्रायोजेनिक के ”अपर स्टेज” में तकनीकी खामी आ गयी।
सिंह ने ट्वीट किया, ”इसरो अध्यक्ष डॉ. के. सिवन से बात की और विस्तार से चर्चा की। पहले दो चरण ठीक रहे, लेकिन उसके बाद क्रायोजेनिक अपर स्टेज में दिक्कत आ गयी। मिशन का कार्यक्रम फिर से तय किया जा सकता है। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को सुबह प्रक्षेपित किया गया जीएसएलवी रॉकेट देश के नए पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-03 को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने में नाकाम रहा। इसके बाद इसरो को यह घोषणा करनी पड़ी कि मिशन संपन्न नहीं हो सका।

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