कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने एक महिला की याचिका पर केंद्र से मंगलवार को जवाब मांगा। जिसमें याचिकाकर्ता ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जेल में अगस्त 2015 से बंद अपने बेटे को आवश्यक मदद मुहैया कराने का केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया है। महिला के बेटे को कथित तौर पर भारत सरकार के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने कहा, ”हम इसे देखेंगे। केंद्र सरकार के वकील (याचिका के बारे में) निर्देश लेकर आएं।
याचिका शाहुबनाथ बीवी ने दायर की है। इसमें दावा किया गया है कि उनके बेटे को ”बुरी तरह से यातनाएं दी गईं और उसका उत्पीड़न किया गया,” तथा उसे केंद्र सरकार या वहां स्थित भारतीय दूतावास से किसी तरह की मदद नहीं मिली। अधिवक्ता जोस अब्राहम के जरिए दायर याचिका के मुताबिक महिला का बेटा शिहानी मीरा साहिब जमाल मोहम्मद 25 अगस्त 2015 से यूएई के अबू धाबी के केंद्रीय कारागार में बंद है।
सुनवाई के वक्त याचिकाकर्ता ने कहा कि यूएई की अदालतों के इस मामले में दिए गए फैसलों के मुताबिक उनका बेटा ”यूएई में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के लिए काम कर रहा था।” महिला ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को उचित कानूनी सहायता तक नहीं दी गई जिससे कि वह यूएई की अदालतों में अपना बचाव कर पाता। महिला ने कहा कि इस बाबत उन्होंने अनेक बार अनुरोध भेजे और पिछला अनुरोध 11 जून को भेजा था।
जिसमें मानवाधिकार उल्लंघनों और उनके बेटे को बुनियादी अधिकार देने से इनकार किए जाने का जिक्र करते हुए सरकार से सहायता मांगी गई है। याचिका में कहा गया कि इन अनुरोधों पर उन्हें अब तक जवाब प्राप्त नहीं हुआ है। महिला ने याचिका में उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह उनके बेटे को ”आवश्यक कानूनी, राजनयिक एवं राजनीतिक समर्थन” मुहैया कराने का केंद्र सरकार को निर्देश दे तथा उनके हाल के अनुरोध पर समुचित समय पर विचार करे।
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