लंदन। कोरोना संक्रमण मामलों के बढ़ते प्रभाव और अंग्रेजी क्रिकेट पर निकट संपर्क आईसोलेशन के बावजूद अगले महीने शुरू हो रही इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज के लिए कोई सख्त बायो-बबल लागू नहीं होगा। इतना ही नहीं मैदान पर दर्शकों के आने पर भी प्रतिबंध नहीं होगा। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) टॉम हैरिसन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि शासकीय निकाय भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए सख्त बायो-बबल फिर से नहीं लगाएगा।
पिछले कुछ हफ्तों में इंग्लैंड में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। जिसकी वजह देश में प्रतिबंधों में ढील दिए जाना है। केवल 14 जुलाई को ही कोरोना संक्रमण के नए 42302 मामलों की पुष्टि की गई थी। इसके अलावा एनएचएस (नेशनल हेल्थ सर्विस) ट्रैक एंड ट्रेस ऐप द्वारा सात जुलाई तक संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले 520000 से अधिक लोगों की पहचान की गई थी। संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या और अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट पर इसके प्रभाव के बावजूद हैरिसन का कहना है कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों की भलाई का मतलब है कि ईसीबी पिछली गर्मियों की तरह सख्त बायो-बबल व्यवस्था को फिर से लागू नहीं करेगा, जिसने उनकी आवाजाही और स्वतंत्रता को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था।
इस समर सत्र में एक शिथिल वातावरण बनाया गया है, जिसमें खिलाड़ियों को निर्दिष्ट क्षेत्रों में होटलों के बाहर व्यायाम करने की अनुमति देने के साथ-साथ परिवारों के साथ समय बिताना भी शामिल है। भीड़ को भी मैदान में जाने की अनुमति दी गई है। उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते पिछले हफ्ते पाकिस्तान के खिलाफ पहले वनडे से पहले इंग्लैंड की मूल टीम के सात सदस्य कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। इस कारण इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को मजबूरन संशोधित टीम की घोषणा करनी पड़ी थी, जिसमें बेन स्टोक्स को कप्तान नियुक्त किया गया था। अब भारत की टेस्ट टीम भी इस समस्या से जूझ रही है। इंग्लैंड के खिलाफ डरहम में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले ऋषभ पंत और टीम के प्रशिक्षण सहायक दयानंद गरानी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।
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