काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती ताकत से उसके पड़ोसी देश सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं। तालिबान के किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए पड़ोसी देश ताजिकिस्तान ने इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास किया है। ताकि अगर तालिबान के साथ जंग होती है, तो वह उसका सामना कर सके। अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती पकड़ को देखते हुए ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन के आदेश पर सुबह चार बजे 230,000 जवानों वाली ताकतवर सेना को अलर्ट किया गया.समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, सोवियत संघ से अलग हुए इस देश को लगभग 30 साल हो गए हैं। तीन दशक के इतिहास में सेना की तैयारी का यह सर्वेक्षण सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
इस युद्धाभ्यास में सेना ने सभी तरह के हथियारों का परीक्षण किया। जिसमें जमीनी हथियार, हवाई हथियार और तोपखाने तक शामिल थे। इस पूरे युद्धाभ्यास का प्रसारण ताजिकिस्तान के सरकारी टीवी पर किया गया। युद्धाभ्यास के आखिर में सेना ने खुद राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन के नेतृत्व में एक परेड का आयोजन किया। राष्ट्रपति ने सेना से कहा कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए तैयार रहे। रखमोन ने कहा, ‘हमारे पड़ोसी देश अफगानिस्तान, खासकर हमारी सीमा के पास उत्तरी क्षेत्र में स्थिति अधिक जटिल और अस्थिर बनी हुई है। यह हर दिन हर घंटे जटिल होती जा रही है। उन्होंने सशस्त्र बलों से किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा ताकि देश की सीमा की रक्षा की जा सके।
रखमोन साल 1994 से सत्ता में हैं। उन्होंने मामले में अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से भी बात की है। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की। ये फोन कॉल ताजिकिस्तान की ओर से आया था ताजिकिस्तान ने युद्धभ्यास ऐसे समय में किया है, जब रूस ने घोषणा की है कि वह अगले महीने ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान की सेना के साथ अफगान सीमा के पास एक बड़ा अभ्यास करेगा। इन दिनों तालिबान ने अफगानिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं और देश की 90 फीसदी सीमाओं पर कब्जे का दावा किया है। अमेरिका का मानना है कि आधा देश तालिबान के हाथों में आ गया है। जिसमें 400 जिले शामिल हैं।
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